डीजे को बर्खास्त करने की मांग पर अड़े वकील
कोर्ट रूम में लाठीचार्ज के विरोध में दिल्ली में वकीलों का धरना प्रदर्शन
ghaziabad news कोर्ट रूम में लाठीचार्ज के विरोध में पूरे उत्तर प्रदेश और दिल्ली में वकील हड़ताल पर हैं। 29 अक्टूबर को कोर्ट रूम में लाठीचार्ज के विरोध में वकील जिला जज (डीजे) अनिल कुमार को बर्खास्त करने की मांग पर अड़ गए हैं। गाजियाबाद बार एसोसिएशन के समर्थन में यूपी तमाम जिला बार एसोसिएशन के साथ ही इलहाबाद हार्टकोर्ट के अधिवक्ता और दिल्ली की जिला बार एसोसिएशन हड़ताल पर हैं। गाजियाबाद में न्यायिक अधिकारी काम पर हैं, लेकिन अधिवक्ता पेश नहीं हो रहे हैं। कोर्ट पहुंचने वाले वादकारियों को कोर्ट से तारीख मिल रही है।
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गाजियाबाद बार एसोसिएशन के आह्वान पर कचहरी का गेट बंद कर वकील धरने पर बैठ गए हैं। अधिवक्ताओं ने कचहरी का मेन गेट बंद कर दिया है।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा का कहना है कि जब तक जिला जज को नहीं हटाया जाता और लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक अधिवक्ता काम पर नहीं लौटेंगे।
बता दें कि मामले में गाजियाबाद बार एसोसिएशन की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर करते मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) गठित करने की मांग की है।
यूपी बार काउंसिल अपने स्तर से करा रही जांच
मामले में यूपी बार काउंसिल पहले ही अपने स्तर से पूरे मामले की जांच कराने की बात कह चुकी है। आज बार काउंसिल द्वारा गठित पांच सदस्यीय कमेटी भी जांच के लिए गाजियाबाद पहुंच रही है। यूपी बार काउंसिल ने मामले को गंभीरता से लिया है और मामले में सरकार से हस्तक्षेप के साथ निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग की है।
यह है पूरा प्रकरण
जिला जज अनिल कुमार की अदालत में 29 अक्टूबर को डासना के एक जमीनी विवाद के मामले में आरोपियों की जमानत पर सुनवाई होनी थी। यह मामला कोर्ट के आदेश पर अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने दर्ज कराया था। आरोपियों को 25 अक्टूबर को तीन दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी, नियमित जमानत के लिए जिला जज की अदालत में तारीख लगी थी। पूर्व बार अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता नाहर सिंह यादव पूरे पैनल के साथ जमानत का विरोध करने पहुंचे थे। नाहर सिंह यादव के मुताबिक अधिवक्ता जितेंद्र सिंह की ओर से अदालत की व्यस्तता के चलते मामला दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी, इस बात पर जिला जज नाराज हो गए थे और उन्होंने पुलिस को बुलाकर लाठीचार्ज करवा दिया था।
पुलिस के मुताबिक अधिवक्ताओं ने किया था दुर्व्यवहार
पुलिस की ओर से जारी अधिकारिक बयान में कहा गया था कि जिला जज के मामले को ट्रांसफर करने के लिए ना कहने पर अधिवक्ताओं ने दुर्व्यवहार किया था। पुलिस ने भी अधिवक्ताओं को भी समझाने का काफी प्रयास किया गया था और जिला जज को सुरक्षित उनके कक्ष में ले जाने के बाद अधिवक्ताओं को हटाया गया था। तमाम इलेक्ट्रोनिक साक्ष्यों के बावजूद पुलिस के अधिकारिक बयान में लाठीचार्ज की बात नहीं कही गई।
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