Bhojshala: धार के भोजशाला में मंदिर या मस्जिद? ASI ने हाईकोर्ट में की पेश सर्वे रिपोर्ट
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Bhojshala: धार के भोजशाला में मंदिर या मस्जिद? ASI ने हाईकोर्ट में की पेश सर्वे रिपोर्ट

Bhojshala: मध्यप्रदेश में धार के भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण की रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में सोमवार को पेश कर दी है. उत्खनन के दौरान, ASI को देवी-देवताओं की 37 मूर्तियां मिलीं, जो साइट को महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व प्रदान करती हैं। बता दें कि एएसआई ने बहुत ही सावधानी से रिपोर्ट तैयार की है, जो भोजशाला के मामले में चल रही कानूनी कार्यवाही में अहम साबित होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है, जिसकी अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा, जो हिंदुओं के प्रतिनिधि के रूप में सर्वेक्षण के दौरान मौजूद रहे उन्होंने दावा किया था कि एएसआई को भगवान शिव और ‘वासुकी नाग’ (सात फन वाला सांप) की पौराणिक मूर्तियों सहित कई पुरातात्विक अवशेष मिले हैं.

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सर्वेक्षण के दौरान, 1,700 से अधिक कलाकृतियां उजागर हुई हैं, जिनमें कई मूर्तियां, संरचनाएं, स्तंभ, दीवारें और भित्ति चित्र शामिल हैं. एएसआई ने परिसर की खुदाई के दौरान पाए गए पत्थरों, खंभों का ‘कार्बन डेटिंग’ सर्वेक्षण भी किया. संपूर्ण सर्वेक्षण प्रक्रिया उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए और दोनों (हिंदी-मुस्लिम) पक्षों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की गई थी.

आपको बता दें कि, धार जिले के भोजशाला मंदिर वर्सेस कमाल मौला मस्जिद परिसर में एएसआई टीम द्वारा किया गया वैज्ञानिक सर्वे बड़ी बारीकी से हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों की मौजूदगी में पूरा किया गया है। हालांकि, बीच बीच में पक्षकारों की तरफ से कुछ आपत्तियां भी आती रहीं, लेकिन सर्वे टीम द्वारा उन मामलों को सुलझाया गया। अब इसी सर्वे की रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इस दौरान 98 दिन से अधिक सर्वे कार्य चला। आर्कियोलॉजी सर्वे आफ इंडिया ने अलग-अलग इलाकों की निशानदेही कर खुदाई में कई विशेष अवशेष जमीन से निकाले। इसमें भोजशाला की दीवार, पिलर के साथ ही खुदाई के दौरान 37 देवी-देवताओं की मूर्तियां तक मिलने की बात सामने आ रही है।

98 दिन चला सर्वे
उल्लेखनीय है कि इंदौर हाई कोर्ट ने 11 मार्च को भोजशाला में 500 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे कार्य करने का आदेश एएसआई को दिया था। ये सर्वे 22 मार्च से शुरू होकर 27 जून तक 98 दिन किया गया। सर्वे के दौरान खुदाई भी की गई। फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की गई।

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