Haryana News: गठबंधन सरकार ने किसानों के साथ किया सबसे ज्यादा विश्वासघात: कुमारी सैलजा
मीडिया के नाम जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी और बैंक सब आपस में मिले हुए है, किसानों को 5 महीने बाद खरीफ 2023 का बीमा प्रीमियम वापस कर रही है जो कानूनन गलत है अगर कोई किसान प्रीमियम दे चुका है तो उसे खराब हुई फसल का मुआवजा मिलना ही चाहिए, जो उसका हक है। इतना ही नहीं सरकार ज्यादातर जिलों में रबी 2022-23 ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का बीमा क्लेम तक जारी नहीं कर पाई है। किसान खरीफ-2020 का बकाया मुआवजा की मांग आज भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीटी कॉटन बीज कंपनी सरकारी संरक्षण में किसानों को लूटने में लगी हुई है। बाजार में ऐसा बीटी कॉटन बीज बिका जिस पर गुलाबी सुंडी का प्रकोप बढ़ा। सरकार को नरमा के बीटी बीज में सुधार के लिए प्रयास करना चाहिए, गुणवत्ताविहीन बीज बाजार में उतारने वाली कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होना चाहिए। किसानों को अच्छे बीज, खाद व कीटनाशक दवाएं उपलब्ध करवाई जाए अगर नकली बीज, खाद व कीटनाशक से किसान को नुकसान होता है तो उसकी भरपाई या तो कंपनियां करें या सरकार को करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस बार गुलाबी सुंडी के प्रकोप से नरमा की उपज बहुत कम हुई है जिससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है क्योंकि खरीद एजेंसियां व कॉटन फैक्ट्री मालिक दोनों हाथों से किसानों को लूटने में लगे हुए है, सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाते हुए नरमा खरीद के नाम पर मची लूट को बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार दावा करती है कि वह सच्ची किसान हितेषी है जबकि एमआई काडा की ओर से विभाग किसानों को पानी की डिगियां की अनुदान राशि 02 सालों से जारी नहीं की गई है। पशुपालक किसानों को सहकारी दुग्ध समितियां व प्राइवेट मिल्क प्रोडक्ट कंपनियां दूध के रेट के नाम पर जमकर लूट रही हैं। किसान बागवानी को बढ़ावा देने की बात करती है कि जबकि किन्नू उत्पादक किसान सही रेट न मिलने पर घाटा उठा रहा है। सरकार ने किसानों के लिए ऐसा कुछ नहीं किया जिससे किसान कह सके कि सरकार उनके लिए कुछ कर रही है। पूंजीपतियों के हितों की रक्षा करने वाली सरकार किसानों के हित की रक्षा नहीं कर पा रही है। एक दिन यही देश का अन्नदाता ऐसी गूंगी बहरी सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाकर रहेगा।