गजियाबाद: गरीबी का फायदा उठाकर करवाते थे धर्मांतरण, ये है पूरा मामला
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गजियाबाद: गरीबी का फायदा उठाकर करवाते थे धर्मांतरण, ये है पूरा मामला

गजियाबाद। एक के बाद एक धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं। ज्यादातर धर्म बदलने वाले वह लोग हैं जो दो वक्त की रोटी जुटाने में भी कामयाब नहीं हो पाते। गाजियाबाद पुलिस ने पादरी महेंद्र और उनकी पत्नी सीमा से पूछताछ के बाद खुलासा किया कि महज 15-15 हजार रुपये देकर 100 से ज्यादा लोगों को धर्मांतरण कराया गया। पादरी के बैंक खातों से यह बात तसदीक हो चुकी है। धर्मांतरण करने वाले लोगों के खाते में पादरी के खाते से यह रकम भेजी गई थी। बताया जा रहा है कि धर्मांतरण कराने के बदले पादरी को विदेश से मोटी रकम मिलती थी। उसके कई बैंक खातों की जांच चल रही है। महेंद्र को 4 दिन पहले और सीमा को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। जेल भेजे जाने से पहले उनसे हुई।

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पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया कि महेंद्र हापुड़ ने अपने गांव पीरनगर सूदना में बनाए गए चर्च में प्रार्थना सभा आयोजित करता था। सभा में वे खुद का उदाहरण पेश करते हुए कहता था कि पहले वह इतना गरीब था कि रोटी के भी लाले थे। मगर धर्म बदलने के बाद वह संपन्न हो गया। उसकी जिंदगी में खुशहाली आ गई। डीसीपी ग्रामीण शुभम पटेल ने कहा कि पादरी के निशाने पर मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीब लोग रहते थे। इस मामले की कड़ी से कड़ी जोड़ने पर कई और खुलासे हो सकते हैं। एसआईटी की जांच में सामने आया कि कुछ ऐसे लोग थे। जिनके परिवार का कोई सदस्य गंभीर बीमारी से जूझ रहा था और उपचार के लिए पैसे नहीं थे। कुछ आर्थिक तंगी की वजह से बच्चों की स्कूल फीस नहीं दे पा रहे थे, इसलिए उन लोगों ने धर्म बदल लिया बरहाल कुछ भी हो पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है। सवाल यह उठता है कि यदि लोगों ने अपने शिक्षा से धर्मांतरण किया है तो पादरी का क्या अपराध है।

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