Ghaziabad:कार्यशाला,बसों से उतरते व चढ़ते समय होती हैं दुर्घटना की संभावना

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, परिवहन विभाग, पुलिस प्रशासन, माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में जनपद के सीबीएसई व आईसीएसई बोर्डं के विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के लिए बच्चों
ेसुरक्षित व संरक्षित यातायात सुविधा विषय पर सोमवार को मोहन नगर स्थित आईटीएस के सेमिनार हॉल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 120 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों/ प्रतिनिधि ने प्रतिभाग। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) विनोद कुमार मिश्र ने स्वागत किया। डॉ शिखा दरबारी ने कहा कि अधिकांशत बसों से उतरते हुए और चढ़ते हुए
दुर्घटनाओं की संभावना रहती है। जिसके लिए बस कंडक्टर, गार्ड और महिला शिक्षक या गार्ड का होना अत्यंत आवश्यक है। इस संबंध में बने कानूनो की जानकारी भी उन्होंने सभी को प्रदान की। एआरटीओ राहुल श्रीवास्तव ने प्रधानाचार्य से संवाद स्थापित करते हुए उनकी जिज्ञासाओं और प्रश्नों के उत्तर दिए।
ट्रैफिक पुलिस अधीक्षक आरएन कुशवाहा ने कहा कि अत्यंत सहज और स्वाभाविक रूप से यातायात नियमों के व्यवहारिक पक्ष को उजागर करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति कितना अनुशासित और शिक्षित है यह बात उसके  सड़क पर किए गए व्यवहारों से ज्ञात होती हैं। व्यक्ति की सहनशक्ति तत्परता एवं नियमों के अनुपालन की क्षमता को देखते हुए किसी भी व्यक्ति के चरित्र को सही प्रकार आंका जा सकता है। अत्यंत संवेदनशील मुद्दों पर बात करते हुए प्रभावशाली ढंग से एसपी ट्रैफिक ने विद्यालयों की चरित्र निर्माण के लिए जिम्मेदारी तय की।
एआरटीओ मनोज मिश्रा एवं दीपक शाह ने परिवहन से संबंधित नियम व शर्तें तथा स्कूली वाहनों के लिए जरूरी बातें को साझा करते हुए सभी का ज्ञान वर्धन किया।  इस मौके पर उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र शर्मा, डॉ शिखा दरबारी (आईआर एस), एसपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा, जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र, सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक आशीष पांडे मौजूद रहे।

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