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दिल्ली में यमुना किनारे रहने वालों को चेतवानी

दिल्ली में यमुना किनारे बने इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए चेतावनी जारी की गई है। नदी का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान से ऊपर 206.11 मीटर तक पहुंच गया है। अफसरो ने आज यानि 27 सितबंर को कहा कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के बाद इस साल अब तक का सबसे अधिक है।

पूर्वी दिल्ली के डीएम अनिल बांका ने बताया कि जलस्तर 206 मीटर के स्तर को पार करने के बाद आज सुबह निकासी अलर्ट जारी किया गया था। नदी के किनारे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को खाली कराया जा रहा है और ऊंचे स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों और आसपास के इलाकों में रैन बसेरों में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है ।

 

उन्होंने ने बताया कि जल स्तर में और वृद्धि के बारे में लोगों को सावधान करने के लिए घोषणाएं की जा रही हैं। दिल्ली में नदी के पास के निचले इलाकों को बाढ़ की चपेट में माना जाता है। वहां लगभग 37,000 लोगों के घर हैं।यमुना ने 12 अगस्त को 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर लिया था, जिसके बाद लगभग 7,000 लोगों को नदी के किनारे के निचले इलाकों से निकाला गया था।

दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने कहा कि पुरानी दिल्ली रेलवे पुल पर जल स्तर आज सुबह 5.45 बजे निकासी स्तर 206 मीटर को पार कर गया। सुबह 8 बजे तक नदी बढ़कर 206.16 मीटर हो गई। बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने बताया कि दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे के बीच जल स्तर बढ़कर 206.5 मीटर हो सकता है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सुबह 7 बजे लगभग 96,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की सूचना दी गई है।

 

यमुना नदी प्रणाली के जलग्रहण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्से शामिल हैं। आम तौर पर हथिनीकुंड बैराज में पानी छोड़ने की दर 352 क्यूसेक होती है। लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी का बहाव बढ़ जाता है। बैराज से छोड़े गए पानी को राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं।

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