Up News: लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर जातिगत भेदभाव और पारदर्शिता की कमी को लेकर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने थानों में जाति आधारित पोस्टिंग के जो आंकड़े उजागर किए गए, उसके बाद वेबसाइट ही बंद कर दी गई, जिससे सरकार की घबराहट और असहजता साफ झलकती है।
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थानों और पुलिस स्टेशनों में एक ही जाति विशेष के लोगों की नियुक्तियाँ। जब सपा ने वेबसाइट से सरकारी आंकड़े निकालकर उजागर किए, तो सरकार ने वेबसाइट ही बंद कर दी। अब पूरे जिले के पुलिस लाइन के आँकड़ों में हेरफेर कर एक अधिकारी को सफाई देने के लिए आगे किया गया। अखिलेश यादव ने साफ कहा कि, “सरकार ने खुद को बचाने के लिए एक अधिकारी को आगे कर दिया है। लेकिन जनता को जवाब खुद मुख्यमंत्री को देना चाहिए।”
90 फीसदी पीडीए की उपेक्षा का आरोप
अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग (पीडीए) को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। चित्रकूट, महोबा, प्रयागराज, आगरा, मैनपुरी जैसे जिलों में पुलिस पोस्टिंग में यही पैटर्न सामने आया है।
भ्रष्टाचार और ‘जीरो पावर्टी’ योजना पर भी तीखा वार
अखिलेश यादव ने ‘जीरो पावर्टी’ योजना को एक शिगूफा बताया और कहा कि, “अगर 15 करोड़ लोगों को उत्तर प्रदेश में राशन मिल रहा है तो बताइए गरीबी खत्म कैसे हो गई?” उन्होंने मुख्यमंत्री की जानकारी पर भी सवाल उठाते हुए कहा, “उन्हें कोई अधिकारी एक शब्द दे देता है और वे वही बोलना शुरू कर देते हैं।”
दलित समाज और संविधान पर हमला – सपा का दावा
यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों को रोजाना अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा को संविधान और बाबा साहब की लोकप्रियता हज़म नहीं हो रही।
भूमाफिया कानून, वक्फ और बिजली परियोजनाओं पर भाजपा को घेरा
वक्फ कानून को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा इसका इस्तेमाल ज़मीन छीनने के लिए कर रही है – “यह भूमाफिया पार्टी है।” बिजली परियोजनाओं और मेट्रो प्रोजेक्ट्स पर भी दावा किया कि भाजपा केवल समाजवादी सरकार के कामों का उद्घाटन कर रही है, खुद कुछ नहीं किया।
राजनीतिक संदेश और युवाओं को जिम्मेदारी
अखिलेश ने समाजवादी युवजन सभा को पार्टी की धड़कन और संदेश वाहक बताते हुए कहा कि यही नौजवान अब गांव-गांव जाकर समाजवादी नीतियों को फैलाएंगे।