दिल्लीवासियों के लिए एकीकृत हेल्पलाइन नंबर 311 का ऐलान

मानसून से पहले दिल्ली सरकार की पहल: सभी नागरिक सेवाओं की कर सकेंगे शिकायत
new delhi newsमानसून से पहले दिल्ली सरकार ने सोमवार को नागरिक सेवाओं की शिकायतों के लिए एकीकृत हेल्पलाइन नंबर 311 ऐलान किया है। राजधानी में अब नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली लोक निर्माण विभाग जल बोर्ड और फ्लड विभाग से जुड़ी सभी नागरिक सेवाओं की शिकायतें एक ही नंबर 311 पर दर्ज की जा सकेंगी।
इस एकीकृत हेल्पलाइन नंबर की घोषणा सोमवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने एनडीएमसी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का निरीक्षण करने के बाद की। मंत्री ने कहा कि वन दिल्ली, वन नंबर-यही हमारा लक्ष्य है। अब लोगों को यह सोचने की जरूरत नहीं कि समस्या किस विभाग की है। नागरिक केवल 311 पर कॉल करें और उनकी शिकायत संबंधित विभाग तक तुरंत पहुंचा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह नई व्यवस्था खासतौर से मानसून सीजन को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। जलभराव, टूटी सड़कें, बंद नाले या ओवरफ्लो सीवर जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को अब किसी विभाग के चक्कर नहीं काटने होंगे। मंत्री ने बताया कि अगले दो से तीन दिनों के भीतर सभी संबंधित विभागों की संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें कमांड सेंटर की संचालन प्रणाली, विभागों के प्रतिनिधियों की प्रतिनियुक्ति, जवाबदेही तंत्र और तकनीकी एकीकरण पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
जलभराव जैसी समस्याओं का तुरंत होगा समाधान
मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि ऐसे सभी स्थान, जो मानसून के दौरान जलभराव की दृष्टि से संवेदनशील माने जाते हैं और जहां अभी तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं, वहां जल्द ही कैमरे लगाए जाएंगे। इससे समस्या की पहचान रियल-टाइम में हो सकेगी और संबंधित विभाग तुरंत मौके पर कार्रवाई कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि जलभराव जैसी समस्याओं का समाधान मौके पर तुरंत हो, इसके लिए तकनीक का इस्तेमाल जरूरी है। सीसीटीवी कैमरों और लाइव मॉनिटरिंग के जरिए हमारी टीमें तेजी से प्रतिक्रिया दे सकेंगी। प्रवेश वर्मा ने एनडीएमसी स्थित कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए बताया कि इस सेंटर को अब दिल्ली के सभी प्रमुख विभागों का साझा केंद्र बनाया जा रहा है। मानसून के दौरान यह सेंटर 24७7 काम करेगा और हर शिकायत की रियल-टाइम ट्रैकिंग और समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। सभी विभागों के मॉनिटरिंग अधिकारी एक ही जगह बैठकर आपस में समन्वय बनाएंगे।

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