meerut news विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि पता चला है कि 13 जून को विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष से पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष तथा निदेशक वित्त निधि नारंग ने अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन के साथ गुपचुप लम्बी बैठक की है।
इस बैठक में ग्रांट थॉर्टन ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के आरएफपी डॉक्यूमेंट विद्युत आयोग के अध्यक्ष के सामने प्रस्तुत किए। पता चला है कि विद्युत नियामक आयोग इस आरएफपी डॉक्यूमेंट पर अपना अभिमत देने वाला है। संघर्ष समिति ने इस पर एतराज व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु ग्रांट थॉर्टन की ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट के लिए की गई नियुक्ति पूरी तरह अवैध है।
200 दिन से लगातार किया जा रहा विरोध
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि शांतिपूर्वक 200 दिन से लगातार निजीकरण के विरोध में आंदोलनरत बिजली कर्मियों के आंदोलन से बौखलाए पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने हजारों बिजली कर्मचारियों को बिना किसी नीति के प्रदेश के एक कोने से दूसरे कोने में स्थानांतरित कर दिया है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि भीषण गर्मी में इतने बड़े पैमाने पर प्रदेश के एक कोने से दूसरे कोने में हजारों कर्मचारियों का स्थानांतरण कर पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष प्रदेश की बिजली व्यवस्था को ध्वस्त करने पर तुले हैं।
किया जाएगा व्यापक विरोध प्रदर्शन
मनमाने ढंग से किए गए हजारों स्थानांतरण के विरोध में संघर्ष समिति ने आह्वान किया है कि 16 जून को प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर पॉवर कारपोरेशन के इस जन विरोधी कृत्य के विरोध में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
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