सुप्रीम कोर्ट में आज बिलकिस बानो केस के दोषियों की रिहाई के मामले में सुनवाई होने वाली है। इसमें गुजरात सरकार को रिहाई का फैसला करने से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा गया था। जो कि आल पेश किये जाने है। 27 मार्च, 2023 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से ये दस्तावेज मांगे थे। इसके लिए 18 अप्रैल की तारीख दी थी। सरकार की ओर से दस्तावेज पेश नहीं किए गए, तब जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने फटकार लगाते हुए सुनवाई के लिए 2 मई की डेट दे दी। 2 मई की सुनवाई में 9 मई की तारीख दी गई।
‘अगर आपने फाइलें नहीं दिखाईं तो हम इसे कोर्ट की अवमानना मानेंगे। आप रिकॉर्ड पेश करने के लिए बाध्य हैं। आप हमसे क्यों लड़ रहे हैं? अगर सरकार ने सब कानून के हिसाब से किया है, तो उसे डरने की जरूरत नहीं है। हम बस ये देखना चाहते हैं कि दोषियों की रिहाई में कानून का पालन किया गया या नहीं।
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रिहाई का गोपनीय दस्तावेज क्या कहता है
इस डॉक्यूमेंट में 11 ऐसी टेबल्स हैं, जिन्हें आधार बनाकर दोषियों को रिहा किया गया है। हमने इन टेबल्स और पूरे कागजो को गहराई से पढ़ा, तो पता चला कि दोषियों की रिहाई को लेकर ये दस्तावेज खुद ही कई सवाल खड़े कर रहे हैं। ये दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में वो आधार बन सकता है, जो बिलकिस की पिटीशन को मजबूत ही करेगा।
ऐसे हुई रिहाई
रिहाई के लिए एक चेकलिस्ट तैयार की गई थी। ये चेकलिस्ट रिहाई से पहले गुजरात सरकार की टेबल तक पहुंची। यह दो हिस्सों में थी।
पार्ट-1ः इसमें 16 पॉइंट्स थे। इनमें रिहाई के लिए जरूरी कानूनी प्रक्रिया से गुजरने से संबंधित सवाल थे।
किस तारीख को कैदी या उसकी जगह जेल सुपरिन्टेंडेंट ने रिमीशन (रिहाई) की एप्लिकेशन तैयार की?
सजा सुनाते वक्त कोई अवधि जैसे 20-25 साल तय हुई थी?
क्या केस में स्टेक होल्डर विभागों और एजेंसियों की राय ली गई?