सूप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार, डीडीए और एमसीडी को जारी किया नोटिस

new delhi news   सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में समृद्ध अवैध कॉलोनियों के संरक्षण और नियमितीकरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि अनाधिकृत झुग्गीवासियों की सुरक्षा के लिए उदार कदम समझ में आ सकते हैं, लेकिन समृद्ध अवैध कॉलोनियों को संरक्षण प्रदान करना शहरी नियोजन के लिए गंभीर समस्या है। यह मामला वसंत कुंज स्थित श्री साईं कुंज कॉलोनी में अवैध निर्माण के संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता अनीता शेनॉय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान आया।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां शामिल थे, ने इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार, नगर निगम, और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया। पीठ ने इन अधिकारियों से दो महीने के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें समृद्ध अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण का औचित्य स्पष्ट किया जाए। इन कॉलोनियों में सैनिक फार्म, अनंत राम डेयरी, डिफेंस सर्विसेज एन्क्लेव, अनुपम गार्डन, और भवानी कुंज जैसी कॉलोनियां शामिल हैं, जिनमें उच्च वर्ग के लोग जैसे राजनेता, व्यवसायी, और रक्षा अधिकारी रहते हैं।
समृद्ध अवैध कॉलोनियों को संरक्षण
कोर्ट ने पाया कि इन समृद्ध कॉलोनियों को नियमित करने का प्रयास कानूनों और नियमों के माध्यम से किया जा रहा है, जो कि ध्वस्तीकरण आदेशों को दरकिनार करने की कोशिश प्रतीत होता है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर झुग्गीवासियों की सुरक्षा के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं, तो इसे समझा जा सकता है, लेकिन समृद्ध अवैध कॉलोनियों के लिए यही उदारता सही नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरीके से विनियमों और विधानों की मदद से संपन्न लोगों की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो उचित नहीं है।
116 फ्लैट अवैध, नोटिस सिर्फ 28 फ्लैटों को 
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी उस समय आई जब एमसीडी ने एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें यह खुलासा हुआ कि श्री साईं कुंज कॉलोनी में कुल 126 फ्लैटों में से केवल 10 फ्लैट 2014 के विशेष प्रावधान अधिनियम के तहत संरक्षित थे। बाकी 116 फ्लैट अवैध पाए गए, जिनमें से 28 फ्लैटों को नोटिस जारी किया गया था। हालांकि, कोर्ट ने एमसीडी से पूछा कि उसने पीएम-उदय योजना का हवाला क्यों दिया, जबकि इस योजना के तहत समृद्ध कॉलोनियों को नियमित नहीं किया जा सकता।
पीएम-उदय योजना का हवाला 
वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता एस गुरु कृष्ण कुमार ने यह बताया कि पीएम-उदय योजना के तहत श्री साईं कुंज जैसी समृद्ध कॉलोनियों को नियमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि रोक के बावजूद इन कॉलोनियों में अवैध निर्माण जारी है, जो शहरी नियोजन और नागरिक अव्यवस्था के लिए खतरनाक है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली नगर निगम को एक सप्ताह के भीतर सभी अवैध फ्लैटों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। यह मामला शहरी नियोजन, अवैध निर्माण, और संपन्न वर्गों के अधिकारों के बीच संतुलन बनाने के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।

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