प्रदेश के मंडलों में स्थापित होगी ‘फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब’

सीएम योगी ने खाद्य सुरक्षा और दवा गुणवत्ता को मजबूत बनाने के लिए उठाया अहम कदम
lucknow news   सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा और दवा गुणवत्ता को मजबूत बनाने के लिए एक विशेष कदम उठाया है। इसके तहत, प्रदेश के सभी 18 मंडलों में फूड एंड ड्रग लैब स्थापित की जा रही हैं, जिसमें से 12 मंडलों के मुख्यालयों पर नई लैब बनाई जा रही हैं।
इनमें से लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर, अयोध्या, अलीगढ़ और गोरखपुर में नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है, जहां जुलाई माह तक टेस्टिंग का कार्य शुरू हो जाएगा। इनमें से लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर, अयोध्या, अलीगढ़ और गोरखपुर में नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। टेस्टिंग मशीनों के इंस्टालेशन के साथ ही संभवत: जुलाई माह से इन लैबों में सैंपल टेस्टिंग का कार्य शुरू हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि इससे स्थानीय स्तर पर ही फूड एंड ड्रग सैंपलों की उच्च गुणवत्तायुक्त जांच संभव हो सकेगी। वर्तमान में प्रदेश के लखनऊ, आगरा, मेरठ, झांसी, गोरखपुर और वाराणसी में खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग की सैंपल टेस्टिंग लैब पहले से ही कार्य कर रही हैं। जबकि, अलीगढ़, आजमगढ़, प्रयागराज, कानपुर, चित्रकूट, देवीपाटन, अयोध्या, बस्ती, बरेली, मीरजापुर, मुरादाबाद, और सहारनपुर मंडल मुख्यालय में नई लैब बनाई जा रही हैं। इसके साथ ही राजधानी लखनऊ में विभाग की नई बिल्डिंग का निर्माण हुआ है, जिससे अब लखनऊ में खाद्य पदार्थ और ड्रग एनालिसिस अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर संभव हो सकेगा।
लैब टेक्नीशियन और असिस्टेंट के लिए जल्द शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया
नई टेस्टिंग लैबों के लिए लैब टेक्नीशियन और लैब असिस्टेंट के लगभग 1,200 नए पदों का सृजन हुआ है, जिनकी भर्ती कर्मिक विभाग जल्द ही सुनिश्चित करेगा। यूपी के सभी संभागों में फूड एंड ड्रग सैंपल टेस्टिंग लैब की स्थापना प्रदेश की दवा और खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट की जांच क्षमता में कई गुना की वृद्धि लाएगी। खाद्य पदार्थों की सैंपल टेस्टिंग की क्षमता लगभग 300 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2016-17 में 36,000 की तुलना में 1,08,000 प्रतिवर्ष हो जाएगी। इसके साथ ही दवाओं की सैंपल टेस्टिंग क्षमता में भी 450 प्रतिशत वृद्धि होगी, जो 12,000 से बढ़कर 54,500 टेस्टिंग प्रति वर्ष हो जाएगी। नई लैबों की स्थापना से जहां एक ओर प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता बढ़ेगी।
साथ ही इससे स्थानीय स्तर पर खाद्य पदार्थों और दवाओं का तेज और सटीक विश्लेषण भी संभव हो सकेगा। जिससे मिलावट और नकली उत्पादों पर नियंत्रण बढ़ेगा, जो न केवल जन स्वास्थ्य की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इसके साथ ही यह कदम प्रदेश की आर्थिक तरक्की में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाएगा।

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