Noida Authority: साफ-सफाई व्यवस्था में खामियां देख भड़क गए सीईओ, लगा डाली ठेकेदारों की क्लास, दो हेल्थ इंस्पेक्टर संस्पेंड
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Noida Authority: साफ-सफाई व्यवस्था में खामियां देख भड़क गए सीईओ, लगा डाली ठेकेदारों की क्लास, दो हेल्थ इंस्पेक्टर संस्पेंड

Noida Authority:  एक तरह तो नोएडा को स्वच्छ शहरों की श्रेणी में नम्बर वन बनाने की मुहिम चलाई जाती है लेकिन साफ-सफाई व्यवस्था संतोषजनक नही पाई जाती है। सफाई में लापरवाही देखकर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ भड़क गए। चार ठेकेदारों पर 10-10 लाख का जुर्माना लगा दिया। साथ ही इनको ब्लेक लिस्ट में डालने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा जन स्वास्थ्य विभाग और सिविल विभाग के कार्यों में लापरवाही पर प्राधिकरण के कई अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गई।
बता दें कि प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने सेक्टर-8, 11, 12, 22, 55, 56, 57, 58, 59, 62, 70, 71, खोड़ा रोड, सेक्टर-56-57 होते हुए सेक्टर-12-22 रोड और एमपी-एक रोड के अंतर्गत आने वाली साइटों का दौरा किया था। इस दौरान कई स्थानों पर साफ-सफाई में कोताही पाई गई। ऐसे में सीईओ ने ठेकेदारों मेसर्स सतपाल नागर, औसान, एमबीसी और वर्म इंडिया पर 10-10 लाख का जुर्माना लगाया। इतना ही इन ठेकेदारों को काली सूची में डालने को कहा।

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सीईओ लोकेश एम ने संबंधित स्वास्थ्य निरीक्षक गोपाल कृष्ण शर्मा और जगपाल सिंह के खिलाफ निलंबन और संबंधित सहायक परियोजना अभियंता को कड़ी चेतावनी देने के निर्देश दिए। वहीं, सेक्टर-62 में सिविल संबंधी रखरखाव की स्थिति दयनीय पाई गई। ऐसे में वर्क सर्किल-चार में संविदा पर कार्यरत उक्त स्थलों से संबंधित अवर अभियंता की सेवाएं छह माह के लिए स्थगित रखने को कहा गया। लोकेश एम ने सेक्टर-22, चैड़ा गांव और एमपी-एक के टी-प्वाइंट पर ट्रैफिक जाम को देखते हुए हर संभव प्रयास करने को कहा। इसके अलावा कई स्थानों पर फुटपाथ के सुधारने के निर्देश दिए। एमपी-एक मार्ग पर बस स्टॉप को हटवाने या बेहतर तरीके से अनुरक्षण के आदेश दिए। सीईओ ने तिराहों और चैराहों पर फुटपाथ को कनेक्ट करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े। सीईओ ने साफ कहा कि इस स्थानों का फिर से निरीक्षण किया जाएगा। निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित वरिष्ठ प्रबंधक, परियोजना अभियंता, उप निदेशक, प्रबंधक, सहायक परियोजना अभियंता, सहायक निदेशक, अवर अभियंता और निरीक्षकों पर भी कार्रवाई की जाएगी। सीईओ के इस कदम से प्राधिकरण के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

 

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