Potato Price: इस बार प्याज-टमाटर नहीं आलू ने बिगाड़ा रसोई का बजट
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Potato Price: इस बार प्याज-टमाटर नहीं आलू ने बिगाड़ा रसोई का बजट

Potato Price: साल भर घरों में सबसे ज्यादा बनाई जाने वाली सदाबहार सब्जी आलू के दाम बढ़ने से रसोई का बजट बिगड़ गया है। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख आलू उत्पादक राज्यों में इस बार खराब मौसम के चलते उत्पादन में गिरावट आई है। इसके चलते आलू की कीमत में पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

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आलू का रिटेल भाव बाजार में तीस रूपये प्रति किलो पहुंच गया है। इससे पहले आलू पंद्रह व बीस रूपये किलो रिटेल में बिक रहा था। अचानक आलू के बढ़ते दाम गरीब तबके लिये परेशानी का सबब बन रहे हैं। आलू व आटा जीवन की सबसे जरूरी जरूरत है। लेकिन इनके दामों में हो रही तेजी ने कमरतोड़ दी है। रसोई की महंगाई गृहणियों को चुनौती बनी हुई है। अनूपशहर मे ईरिक्शा चलाने वाले योगेश ने कहा कि, ”मैं रोजाना 150 से 200 रुपये कमाता हूं. आलू खरीदने के बारे में सोच भी नहीं सकता. मैं अपने पांच लोगों के परिवार का पेट कैसे भरूंगा।

व्यापारियों और कोल्ड स्टोरेज के मालिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में आलू और महंगा हो सकता है। नवंबर के अंत तक आलू के दाम ऐसे ही बने रहने की संभावना है। हालांकि, आलू की नई फसल मार्केट में आने की बाद कीमतों में गिरावट शुरू हो जाएगी। लेकिन आम लोगों को अभी 5 से 6 महीने महंगा आलू खरीदना होगा। 15 फरवरी से 31 मार्च के दौरान कटाई के बाद किसानों द्वारा आलू को कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है। इसमें उत्पादन का लगभग 60 फीसदी कोल्ड स्टोरेज में संग्रहीत किया जाता है, जबकि लगभग 15 फीसदी उपज कटाई के बाद सीधे बाजार में आती है। जबकि बाकी का उपयोग बीज के रूप में किया जाता है। आलू उत्पादन में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और बिहार की हिस्सेदारी 80 फीसदी से अधिक है।

कृषि मंत्रालय ने भी बागवानी फसल उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान में कहा है कि पश्चिम बंगाल में उत्पादन में कमी के कारण 2023-24 सीजन में आलू का उत्पादन पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 60.14 मिलियन मीट्रिक टन से मामूली गिरावट के साथ 58.88 मिलियन टन (एमटी) होने का अनुमान है। 16 मई के उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार, देश भर में आलू की मॉडल खुदरा कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम थीं, जो तीन महीने पहले की कीमतों की तुलना में 50 फीसदी की वृद्धि है। मार्च, 2024 में 41 फीसदी की वृद्धि के मुकाबले पिछले महीने आलू की खुदरा कीमतों में 53 फीसदी की वृद्धि हुई थी।

आलू इन दिनों 30 प्रति किलोग्राम बिक रहा
पुष्पा देवी,अनीता गर्ग,रश्मि बंसल,रेखा वार्ष्णेय,बेबी शर्मा,साजिदा आदि ने बताया कि प्रतिदिन आलू खरीदना पड़ता है। दिन प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई ने रसोई का बजट खराब कर दिया है। सब्जी बनाने व खरीदने के लिए कई बार सोचना पड़ रहा है। सब्जियों के थोक व्यापारी टेकचंद सैनी ने बताया कि आलू इन दिनों 30 प्रति किलोग्राम बिक रहा है l 25 दिनों में आलू के भाव 10 रुपये प्रतिकिलोग्राम बढ़े हैं। अन्य हरी सब्जियां महंगी नहीं हुईं हैं। लोग आलू छोड़कर हरी सब्जी खरीद रहे हैं। इससे आलू की बिक्री भी कम हुई है।

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