मेडिकल टूरिज्म में यूपी की नाक बनेगा Noida! इन अस्पतालों ने अपनी हाईटेक टेक्नोलॉजी
भारत लगातार मेडिकल टूरिज्म में अग्रीण हो रहा है। ऐसे में नई-नई टेक्नोलॉजी अपना कर अस्पताल दूसरे देशों के मरीजों को इलाज के लिए खींच रहे हैं। नोएडा में मेडिकल टूरिज्म को देख तो यूपी की नाक बनता जा रहा है। यहां ज्यादातर बड़े-बड़े अस्पताल आधुनिक तकनीक को अपनाकर लोगों को नई जिंदगी दे रहे है। हाल ही में सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी के लिए शुरुआत की गई है। यहां घुटने बदलने के लिए अब डॉक्टर के साथ साथ रोबोटिक का इस्तेमाल किया जायेगा। जिससे सर्जरी में खून बहाने और इन्फेक्शन होने की आशंकाएं बेहद कम हो जाएंगी। कैलाश अस्पताल की डायरेक्टर डा पल्लवी शर्मा ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी से 98 प्रतिशत रिजल्ट आएगा। यानी एक्यूरेसी के मामले में रोबोटिक सर्जरी नए आयाम स्थापित करेगी। इससे पहले ग्रेटर नोएडा शारदा अस्पताल में भी रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत की गई। शारदा के सीएमडी पीके गुप्ता ने बताया उन्होंने करोड़ों रुपए की लागत से रोबोटिक लैब स्थापित की है। जहां विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधि डाक्टरों को प्रशिक्षित करेगे। यहां अलग-अलग प्रकार की सर्जरी की जाएगी। रोबोटिक सर्जरी में सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि मरीज का कम खून बहता है और दूसरे तरह के कीटाणु लगने की उम्मीद न के बराबर हो जाती है।
नोएडा में इन अस्पतालों में आते हैं विदेशी मरीज
नोएडा में बहुत से ऐसे अस्पताल है जहां विदेशी मरीज भारी संख्या में आते हैं। इसमें इसमें सबसे ज्यादा मरीज सेक्टर 128 स्थित जेपी अस्पताल में देखने को मिलते हैं। हालांकि अब ग्रेटर नोएडा के शारदा, फोर्टिज आदि अस्पतालों में भी काफी मरीजों का आना-जाना रहता है। वहीं सेक्टर 62 के फोर्टिस और सेक्टर 26 अपोलो में भी मरीज का ताता लगा रहता है। कैलाश जैसे अस्पतालों ने तकनीक में खुद को काफी आगे किया है। जिसे देखते हुए ऐसा लगने लगा है कि नोएडा मेडिकल टूरिज्म का हब बन जाएगा। यहां मेट्रो अस्पताल में भी विदेशी मरीजों की काफी संख्या देखी जा सकती है। इसके अलावा नोएडा में अब मेदांता अस्पताल भी बन रहा है। जिसकी इमारत लगभग बनकर तैयार हो चुकी है। जल्द ही यह भी चालू होगा तो इसमें विदेशी मरीजों की संख्या अधिक रहेगी।