Noida News । शिक्षाविदों, नीति निर्धारकों और विचारों को लेकर बीते दिन यानी रविवार को हल्दीराम स्किल एकेडमी, ज्ञानश्री स्कूल में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का उद्देश्य शिक्षा में ध्यान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना था। बच्चों को पढाई में बहेतर बनाने पर भी चर्चा की गई।
सुपर ब्रेन मेडिटेशन पर ध्यान
शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं ने बैठक में शिक्षा प्रणाली में ध्यान को एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने के लिए विचार विमर्श किया। ज्ञानश्री स्कूल की निदेशक,बृंदा घोष ने ध्यान को शिक्षा व्यवस्था में समाहित करने पर जोर दिया। सुपर ब्रेन मेडिटेशन के विषय में बताते हुए के. सी. जैन ने प्राचीन ज्ञान को आधुनिक शिक्षा पद्धतियों में शामिल करने के प्रयास का महत्व समझाया। कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण 10 वर्षीय कायरा का प्रदर्शन था, जिन्होंने सुपर ब्रेन मेडिटेशन के अभ्यास से अद्वितीय कौशल दिखाए। उन्होंने आंखों पर पट्टी बांधकर रंगों की पहचान की और चित्र बनाए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि ध्यान विद्यार्थियों की संकेंद्रण और मानसिक क्षमता को कैसे बढ़ा सकता है।
सुपर ब्रेन कोच रेनु नहाटा के मार्गदर्शन में छात्रों ने मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक कौशल में उल्लेखनीय सुधार किया है। कार्यक्रम में अध्यात्म साधना केंद्र ने 8-13 वर्ष के छात्रों के लिए आयोजित आवासीय और गैर-आवासीय रिट्रीट्स की सफलता पर भी चर्चा की गई, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक रही हैं।
केसी. जैन ने शिक्षा में ध्यान को समावेशित करने की आवश्यकता पर बल दिया, और विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा ने भारतीय मूल्यों और ध्यान के महत्व को आधुनिक शिक्षा में जोड़ने की अपील भी करी।
हल्दीराम स्किल अकादमी की निदेशक बोलीं
हल्दीराम स्किल अकादमी की निदेशक रीता कपूर ने ध्यान को शिक्षा नीति का अभिन्न हिस्सा बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि ध्यान विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक लचीलापन को बढ़ावा देता है, जो उनके सर्वांगीण व्यक्तित्व के विकास में सहायक है।
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