Noida News: नोएडा में QR कोड से बिल्डर्स की मिलेगी पूरी कुंडली
1 min read

Noida News: नोएडा में QR कोड से बिल्डर्स की मिलेगी पूरी कुंडली

Noida News: ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) पंजीकृत परियोजनाओं से जुड़ी जानकारी को पारदर्शी बनाने की दिशा में नए आयाम तलाश रहा है। इस कड़ी में रेरा अधिकारियों ने पंजीकृत परियोजनाओं का क्यूआर कोड बनाने की दिशा में कदम उठाया है। रेरा में प्रॉजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के प्रमाण पत्र पर अब रेरा ने क्यूआर कोड भी जारी करना शुरू कर दिया है। इस क्यूआर कोड को स्कैन करने से फ्लैट खरीदार को उस प्रॉजेक्ट के बारे में रेरा की वेबसाइट पर उपलब्ध सटीक जानकारी मिल सकेगी। इससे यह होगा कि बिल्डर का स्टाफ बायर से प्रॉजेक्ट के बारे में किसी प्रकार का झूठ नहीं बोल पाएगा। प्रमाण-पत्र में परियोजना और बिल्डर का नाम, पंजीकरण का महीना व साल, परियोजना के प्रारंभ व पूर्ण होने की तिथि सहित निर्माण शुरू होने का समय और बिल्डर का एड्रेस आदि सब कुछ होगा।

Noida News:

इसके साथ ही, रेरा ने इस क्यूआर. कोड वाले पंजीकरण प्रमाण-पत्र को बिल्डर के कारपोरेट ऑफिस व प्रॉजेक्ट के साइट ऑफिस पर प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया है। यदि यह प्रमाण पत्र बिल्डर ने प्रदर्शित नहीं किया है तो खरीदार उसके स्टाफ से मांगने का अधिकार रखता है। बता दें कि बायर्स की दिक्कतों को देखते हुए और रियल एस्टेट मार्केट में पारदर्शिता लाने के लिए रेरा की ओर से जरूरत के अनुसार एक के बाद एक नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं।

इसी क्रम में अब रेरा में अपने यहां पंजीकृत होने वाले प्रॉजेक्ट के पंजीकृत प्रमाण पत्र पर क्यूआर कोड देना शुरू कर दिया है। नोएडा-ग्रेनो के ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्टों में हजारों बायर्स ऐसे हैं जो गलत जानकारी मिलने की वजह से फंस गए हैं। प्रॉपर्टी डीलर एजेंट व बिल्डरों के स्टाफ ने अपने प्रॉजेक्ट के फ्लैटों की बिक्री करने के लिए उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर प्रॉजेक्ट के बारे में जानकारी दे दी। फ्लैट बुक करने के बाद पता चला कि उन्हें जो जानकारी दी गई थी वह गलत है। तमाम प्रॉजेक्ट ऐसे हैं जिनका नक्शा ही पास नहीं था। बिना पास हुआ नक्शा दिखाकर फ्लैट बेच दिए गए, जो कि बाद में फंस गए। अब क्यूआर कोड स्कैन करने पर वह सब जानकारी फ्लैट खरीदने के दौरान बायर्स को मिल सकेगी जो कि सही है।

रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा कि बायर्स के साथ किसी भी प्रकार का धोखा न हो, इसी को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। इस क्यू आर कोड को स्कैन करने पर बायर को बिल्डर के स्टाफ से बिना पूछे ही सही जानकारी मिल सके और उसके साथ किसी भी प्रकार का धोखा न हो सके। Noida News:

देख सकेंगे बिल्डरों की जानकारी
पंजीकरण प्रमाण पत्र में परियोजना तथा प्रमोटर का नाम, पंजीकरण का महीना, साल, परियोजना के प्रारंभ और पूर्ण होने की तिथि सहित निर्माण अवधि व परियेाजना तथा बिल्डरों के पते देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही क्यूआर कोड से लैस माडर्न पंजीकरण प्रमाण पत्र को प्रोमोटर के कार्पोरेट कार्यालय तथा परियोजना के साइट कार्यालय में प्रदर्शित करना अनिवार्य है।

वेबसाइट व विज्ञापनों में क्यूआर कोड होने से घर खरीदारों को रेरा पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकेगी। विज्ञापनों पर भी क्यूआर कोड होने से घर खरीदारों को पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकेगी।

रेरा अध्यक्ष संजय भूस रेड्डी ने बताया कि बिल्डर परियोजनाओं के पंजीकरण प्रमाण पत्र के स्वरूप में बदलाव किया गया है। अब प्रमाण पत्र रेरा सचिव के डिजिटल सिग्नेचर से जारी हो रहे है। उसमें परियोजना का क्यूआर कोड भी जारी किया जा रहा है।

फ्लैट खरीदार रेरा की वेबसाइट पर परियोजना की भूमि, मानचित्र तथा अन्य स्वीकृतियों, त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट जैसे समस्त विवरण देखे जा सकते हैं।

Noida News:

यहां से शेयर करें