Noida Important News: नोएडा ग्रेटर नोएडा और आसपास के इलाकों में वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश गौतमबुद्ध नगर पुलिस का नाम आते ही अब थर-थर कांपने लगे हैं। चाहे झपट मार हो या फिर चोर सभी के दिलों दिमाग में डर बैठने लगा है कि कहीं पुलिस एनकाउंटर ना कर दे। जिस तरह से पुलिस बदमाशों के प्रति रवैया अख्तीयार कर चुकी है, उसे बदमाशों के मन में डर होना लाजमी है जिस तरह से इकोविलेज-1 सोसायटी में डिलीवरी बॉय ने युवती के साथ दुष्कर्म की कोशिश की और पुलिस ने उसे 24 घंटे में ढूंढ निकाला। जब उसने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने उसे गोली मारकर घायल किया और पकड़ लिया। बिसरख कोतवाली प्रभारी अनिल राजपूत की टीम में जब आरोपी सुमित की घेराबंदी की तो सुमित पुलिस की पिस्तौल छीन कर फायरिंग करने लगा। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की। सेंट्रल नोएडा एडिशनल डीसीपी हिरदेश कठेरिया बताते हैं कि सुमित अवैध शराब बेचने के मामले में पहले भी जेल जा चुका है और उसका भाई मनोज बादलपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। बावजूद इसके आरोपी को किस तरह से ब्लीकिंट कंपनी से जोड़ा गया। इसकी जांच पड़ताल की जा रही है। बरहाल एक के बाद एक हो रहे एनकाउंटर से बदमाशों में डर बना रहा है। इससे पहले भी नोएडा ग्रेटर नोएडा पुलिस कई शातिर बदमाशों के साथ मुठभेड़ कर चुकी है। मुठभेड़ में घायल कर पुलिस ने दबोच था। अब केवल यही उनके मन में है कहीं पुलिस उनका एनकाउंटर ना कर दे।
गौतम बुध नगर पुलिस का आम जनता में इकबाल रहे इसको लेकर पुलिस लगातार कड़ी मेहनत कर बदमाशों को सलाखों के पीछे भेजने काम कर रही है। यही कारण है कि बिलिंग किट का डिलीवरी बॉय ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इको विलेज एक सोसायटी में युवती के साथ दुष्कर्म की कोशिश करता है और उसे पुलिस 24 घंटे में ढूंढ निकलती है। मुठभेड़ में घायल करती है और उसे गिरफ्तार कर लेती है। घायल करने की वजह बताइ है कि आरोपी दरोगा की पिस्टल छीनकर भागने की फिराक में था। तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया। सुमित नाम का यह युवक आखिर कई अपराधों में शामिल होने के बाद ब्लैंकीट कंपनी में नौकरी कैसे कर रहा था। यह आश्चर्य की बात है। उसका भाई बादलपुर थाने से हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। क्या ये सब बड़ी कंपनियां बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किसी को भी नौकरी पर रखती है। या फिर अपराधों में शामिल लोगों को छूट देकर कम पैसे में काम करती है। एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा हरदेश कठेरिया बताते हैं कि जब पुलिस सुमित को पड़कर ले जा रही थी तभी सुमित ने दरोगा की पिस्तौल निकालकर फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली मार उसे गिरफ्तार कर लिया।
अब आते हैं उसे खबर पर जिसने थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया मामला थाना बीटा-2 है जहां आबकारी विभाग के सिपाही की कर से टक्कर होने के बाद कर सवार छात्रों को हिरासत में लेकर उनसे ऐसा व्यवहार किया गया कि न जाने कितने बड़े बदमाश हो। यह चारों छात्र ग्रेटर नोएडा स्थित बेनेट यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं। हादसा उसे वक्त हुआ जब चार छात्र एलजी गोल चक्कर के पास से जा रहे थे और उनकी गाड़ी आबकारी विभाग के सिपाही की कार से टक्करा गई। बताया जा रहा है कि आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर के दबाव में आकर बीटा टू थाना प्रभारी विनोद मिश्रा ने छात्रों के साथ ऐसा सुलूक कर दिया कि जो पुलिस कमिश्नर के गले नहीं उतरा, इसीलिए थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। अब आते हैं ऐसी राजनीति पर जिसमें आजकल नोएडा की सभी आरडब्ल्यूए काफी शिद्दत से लगी है। यानी फेडरेशन ऑफ नोएडा आरडब्लूए यानी फोनरवा चुनाव जिसमें दो पैनल है योगेंद्र शर्मा और राजीव गर्ग। दोनों ही पैनल लगातार चुनाव में अपनी ताकत झोंक रहे हैं और अलग.अलग आरडब्लूए के प्रतिनिधियों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं अब योगेंद्र शर्मा के समर्थन में सेक्टर 71 आरडब्लूए अध्यक्ष सतपाल यादव भी उतर गए है। योगेंद्र शर्मा को कई अन्य आरडब्लूए अध्यक्षों का भी समर्थन मिला हुआ है हालांकि राजीव गर्ग भी पीछे नही है। लगातार अलग.अलग आरडब्लूए के अध्यक्षों से संपर्क कर समर्थन ले रहे हैं।
अब बात करते हैं उसकी जिससे सांसों पर संकट आ रहा है शहर में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण पर कैसे काबू पाया जाए। इसको लेकर तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं। ग्रेप के नियम के अनुसार ही प्राधिकरण और जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर भी परिवहन विभाग के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस की पूरी निगाहें। ऐसे में एक और चैंकाने वाले तथ्य सामने आया है। बताया गया है कि जिले में प्रदूषण जांच केंद्र तो तेजी से बढ़ते गए। मगर प्रदूषण जांच करने वाले वाहनों की संख्या लगातार घटती चली गई। लोग गाड़ियों का प्रदूषण जांच नहीं करा रहे यदि प्रदूषण जांच नहीं है तो दिल्ली में एंट्री होते ही हो सकता है कि आप पर भारी जुर्माना लगा दिया जाए।
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विषविज्ञान शोध संस्थान के एनवायरमेंटल डिवीजन से रिटायर हुए डॉक्टर एके बर्मन बताते हैं कि पहले के मुकाबले वाहनों के इंजन अब और भी ज्यादा परिष्कृत हो गए हैं इस वजह से वाहनों के धुएं के साथ निकलने वाले अतिसूक्ष्म कण हवा में धुल रहे हैं। इन कणों का साइन 2.5 से भी काम होता है जो की सांस लेने पर सीधे फेफड़ों में पहुंचकर ऊतकों के संपर्क में आ जाता है। इससे कैंसर होने के साथ.साथ इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। खासकर बच्चों के लिए बहुत खतरनाक है। यही कारण है कि लगातार ग्रेप नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। नोएडा एआरटीओ डा. सियाराम वर्मा कहते हैं कि परिवहन विभाग यातायात पुलिस के साथ मिलकर अभियान चला रहा है कि जिले में ऐसे वाहन ना चला जाए जो अधिक प्रदूषण फैला रहे हैं यदि ऐसा वाहन पकड़ा जाता है तो उसे पर कार्रवाई की जाएगी।