Noida Authority: बकाया नहीं चुकाने वाले बिल्डरों की 23 परियोजनाओं पर प्राधिकरण की सख्ती

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Noida Authority: नोएडा। नोएडा प्राधिकरण ने बकाया भुगतान में लापरवाही बरत रहे बिल्डरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए 23 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के नक्शों की मंजूरी पर रोक लगा दी है। इसके चलते अब न केवल इन परियोजनाओं में नया निर्माण कार्य रुकेगा, बल्कि लेआउट में बदलाव, सब-डिवीजन और को-डेवलपर जोड़े जाने जैसे प्रस्ताव भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे।

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प्राधिकरण की इस कार्रवाई के दायरे में वे सभी परियोजनाएं शामिल हैं जिनमें बिल्डरों पर करीब 4000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। अधिकतर प्रभावित परियोजनाएं वर्ष 2009 से 2014 के बीच की हैं, जिनके नक्शे की वैधता की समयसीमा समाप्त हो चुकी है। नियमों के अनुसार, पास नक्शे पर अधिकतम 5 वर्षों तक निर्माण की अनुमति होती है, जिसके बाद समय सीमा बढ़वाने के लिए आवेदन करना होता है।

हालांकि, इस बार प्राधिकरण ने तीन बिल्डरों के आवेदन—नक्शे की वैधता बढ़ाने को लेकर—सीधे खारिज कर दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर आधारित जीरो पीरियड पॉलिसी’ के तहत उठाया गया है।

Noida Authority:  क्या है जीरो पीरियड पॉलिसी?

दिसंबर 2023 में लागू की गई इस नीति का मकसद बकायेदार बिल्डरों को राहत देना और परियोजनाओं में गति लाना था। इसके तहत प्राधिकरण ने 57 बिल्डरों को चिह्नित किया था, जिन पर कुल मिलाकर 7800 करोड़ रुपये का बकाया था। पॉलिसी लागू होने के बाद इन बिल्डरों को दो साल के ‘जीरो पीरियड’ का लाभ दिया गया, जिससे कुल मिलाकर करीब 1500 करोड़ रुपये की राहत मिली। इसके बाद एनजीटी प्रभावित क्षेत्रों में अलग से जीरो पीरियड लाभ की प्रक्रिया शुरू की गई।

अब तक इस नीति से 6 बिल्डरों का बकाया पूरी तरह समाप्त हो चुका है, लेकिन शेष 23 बिल्डरों ने अभी तक कोई भुगतान नहीं किया है। इन्हीं के खिलाफ अब प्राधिकरण ने कार्रवाई का रुख अपनाया है।

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