New Research : अब भूकंप से पहले AI करेगा अलर्ट, 70% तक भविष्यवाणी होगी सही
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New Research : अब भूकंप से पहले AI करेगा अलर्ट, 70% तक भविष्यवाणी होगी सही

New Research :  AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स इस साल की शुरुआत से ही चर्चा में हैं. इंटरनेट, स्मार्टफोन के बाद अब AI ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है. हाल में ही एक AI टूल ने भूकंप को लेकर लगभग 70 परसेंट सटीक अनुमान लगाया है. इस AI टूल का ट्रायल पिछले 7 महीनों से चीन में हो रहा है.

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एआई ने 14 भूकंप की भविष्यवाणी की
कई हफ्तों के रिसर्च के बाद इस AI के रिजल्ट को जारी किया गया है। इस AI मॉडल ने एक साप्ताह पहले करीब 200 मील के भीतर 14 भूकंपों की भविष्यवाणी की थी। भूकंप भी उसी तीव्रता के साथ आया जितनी जानकारी AI ने दी थी, हालांकि 1 भूकंप का पता लगाने में यह विफल रहा और 8 के बारे में गलत झूठी चेतावनियां दीं। अभी तक यह साफ नहीं है कि यह दुनिया के किसी भी कोने में अपना काम सटीकता के साथ कर पाएगा या नहीं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस AI का इस्तेमाल अमेरिका, इटली, जापान, ग्रीक, तुर्की और टेक्सास में भूकंपीय ट्रैकिंग नेटवर्क को बेहतर बनाने में किया जा सकता है।

क्‍या है AI ?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह इंटेलिजेंस तरीके से सोचने वाला सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है। यह इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता।

क्या है AI का भविष्य ?
AI का भविष्य बहुत उज्ज्वल है और इसका उपयोग हम अभी सोच भी नहीं सकते हैं। AI के नए और अधिक संवेदनशील तकनीकों और अल्गोरिदम के विकास के साथ-साथ, इसका उपयोग भी अधिक विस्तार से होगा। AI के उपयोग से संभव है कि हम स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, विज्ञान, निर्माण, वाणिज्य और अन्य क्षेत्रों में नए समाधान खोजेंगे।

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कैसे काम करते हैं AI?
AI की मदद से कंप्यूटर की memory इतनी upgraded हो जाती है कि कंप्यूटर भी इंसानों की तरह सोचने, समझने और काम करने लगता है. यह प्रयोग मुख्यतः computer system के साथ ही किया जाता है. सरल शब्दों में कहें तो Artificial Intelligence का मतलब मशीन में सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना है.

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AI का क्या है नुकसान?
नौकरियां खत्म होने का खतरा: एआई में पारंपरिक रूप से किए जाने वाले कार्यों को स्वचालित करने की क्षमता है, जिससे कुछ उद्योगों में लोगों की नौकरियां जा सकती हैं और बेरोजगारी पैदा हो सकती है. जैसे- कस्टमर सपोर्ट के लिए बनाए गए चैटबोट अगर 100% सफल होते हैं तो कंपनियां इसके लिए नौकरियां निकालना बंद कर देंगी.

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