NCR Pollution : बिल्डरों के लिए प्रदूषण बना अभिशाप, मजदूरों की रोटी पर संकट
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NCR Pollution : बिल्डरों के लिए प्रदूषण बना अभिशाप, मजदूरों की रोटी पर संकट

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण क्षेत्र में निर्माणाधीन साइटों पर काम बंद करा दिया गया है। इसके साथ ही जेवर एयरपोर्ट का काम भी बंद होने की चर्चा थी मगर काम बंद नही हुआ है। यमुना प्राधिकरण की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं जहां भी मिट्टी खुदाई का काम हो रहा है उसे तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए। जेवर एयरपोर्ट के लिए हो रही खुदाई को सही बताते हुए प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्र वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने अपने 29 अक्टूबर के आदेश में रेलवे सर्विस, एयरपोर्ट, बस टर्मिनल, हॉस्पिटल आदि को आदेशों से बाहर रखा है, इसलिए जेवर एयरपोर्ट का काम बदस्तूर जारी है। वही नोएडा में जितनी भी बिल्डरों की साइट पर काम हो रहा है वहां प्राधिकरण और पुलिस की टीम छापा डाल रही है। ताकि जो बिल्डर आदेश के बाद भी काम कर रहे हैं अपना काम बंद कर दें। नोएडा प्राधिकरण ने कुछ बिल्डरों पर जुर्माना भी लगाया है क्योंकि प्रदूषण रोकने के लिए जारी की गई के बावजूद भी निर्माण कार्य चल रहे है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कई टीमें जगह-जगह जाकर देख रही है कि कही निर्माण कार्य तो नही किये जा रहें है। अब तक कई बिल्डरों पर लाखों रूपये का जुर्माना लगाया जा चुकी है।
हो रही एफआईआर
प्रदूषण राकेने के लिए तरह तरह के उपाय किये जा रहे है। पहले संबंधित प्राधिकरण जुर्माना लगाकर चेतावनी देगा यदि इसका उल्लघंन होता है तो एफआईआर करने का भी प्रावधान रखा गया है। प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि नेश्नल ग्रीन टयूबिनल एनजीटी ने सख्त आदेश दिये है कि कुछ भी करो लेकिन प्रदूषण फैलाने वाले कार्य तत्काल बंद होने चााहिएज्ञ

रो रहे बिल्डर
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने निर्माण कार्य पर रोक तो लगा दी है लेकिन बिल्डर बेहद परेशान है। वह रोने के लिए मजबूर हो हैं क्योंकि लेबर को पैसा देना है और कुछ ऐसे उपकरण है जो उन्होंने किराए पर लेकर लगाए हुए हैं। उनका किराया भी बदस्तूर जारी है। बगैर काम के भुगतान करना पड़ रहा है।ऐसे में घाटा हो रहा है, हालांकि वे मानते हैं कि स्वास्थ्य सबसे पहले है लेकिन सरकार को निर्माण कार्य रोक की वजह कोई और भी उपाय करने चाहिए जिससे कि प्रदूषण का स्तर कम हो सके कई बिल्डरों ने सुझाया है कि दो-तीन दिन के लिए लॉकडाउन कर देना चाहिए। ताकि सभी काम बंद हो जाएं और प्रदूषण का स्तर तेजी से नीचे गिरे।

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