National News : जी-7 देशों ने ताइवान व तिब्बत में चीनी अराजकता का किया विरोध
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National News : जी-7 देशों ने ताइवान व तिब्बत में चीनी अराजकता का किया विरोध

National News : वाशिंगटन। जी-7 देशों ने पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर के साथ ताइवान व तिब्बत में चीनी अराजकता का विरोध किया है। जी-7 के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैछक में चीन के सैन्यीकरण और अन्य उत्तेजक गतिविधियों के साथ जबरदस्ती करते हुए यथास्थिति बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का कड़ा विरोध किया गया। ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के महत्व की पुष्टि करते हुए जी 7 सदस्यों ने सभी मसलों के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया।

जी-7 समूह के सदस्य देशों अमेरिका, इंग्लैंड, इटली, जापान, जर्मनी, फ्रांस और कनाडा के विदेश मंत्रियों की बैठक की जानकारी देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जी7 सदस्यों ने चीन से राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के तहत अपने दायित्वों के अनुसार कार्य करने की बात कही। विदेश मंत्रियों ने अपने समुदायों की सुरक्षा, उनके लोकतांत्रिक संस्थानों की अखंडता और उनकी आर्थिक समृद्धि को कमजोर करने के उद्देश्य से ‘हस्तक्षेप गतिविधियों’ का संचालन नहीं करने का आह्वान किया।

बयान में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों को बनाए रखना चीन की जिम्मेदारी है। वह पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति के बारे में गंभीर रूप से चिंतित रहे। उन्होंने बलपूर्वक या जबरदस्ती से यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का कड़ा विरोध किया। इस दौरान तिब्बत में मानवाधिकार उल्लंघन पर भी चिंता जाहिर की गयी।

बयान के मुताबिक जी-7 सदस्यों ने समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के सार्वभौमिक और एकीकृत चरित्र पर फिर से जोर दिया। उन्होंने दोहराया कि दक्षिण चीन सागर में चीन के विशाल समुद्री दावों का कोई कानूनी आधार नहीं है और क्षेत्र में चीन के सैन्यीकरण और अन्य उत्तेजक गतिविधियों का विरोध किया। जी-7 के सदस्यों ने ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के महत्व की भी पुष्टि की। सदस्यों ने पूरे ताइवान में शांति का आह्वान किया, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सुरक्षा और समृद्धि के लिए अपरिहार्य है।

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जी-7 के सदस्यों ने चीन से जलवायु, जैव विविधता संकट, कमजोर देशों की ऋण स्थिरता और वित्तपोषण जरूरतों, वैश्विक स्वास्थ्य और व्यापक आर्थिक स्थिरता जैसे क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय मंचों सहित उनके साथ जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक लचीलापन के लिए जोखिम कम करने और जहां आवश्यक और उपयुक्त हो, वहां विविधता लाने की आवश्यकता होती है। चीन के साथ स्थायी आर्थिक संबंधों को सक्षम करने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली को मजबूत करने के उद्देश्य से, वे अपने श्रमिकों और कंपनियों के लिए समान अवसर के लिए जोर देना जारी रखेंगे।

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