Mustafabad incident: नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शनिवार तड़के करीब 2:39 बजे एक चार मंजिला इमारत अचानक ढह गई, जिससे मचा हड़कंप अब एक दर्दनाक हादसे में बदल चुका है। हादसे में एक ही परिवार के 8 सदस्यों समेत 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हैं। हादसे में 60 वर्षीय मकान मालिक तहसीन की भी मौत हो गई है। दिल्ली पुलिस ने अबतक 11 मृतकों की पुष्टि की है, जिनमें तीन महिलाएं और चार बच्चे शामिल हैं।
Mustafabad incident:
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि बच्चों और महिलाओं समेत कई लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है। राष्ट्रपति ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहन संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के दयालपुर इलाके में इमारत ढहने से हुई मौतों से वे अत्यंत दुखी हैं। उन्होंने घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना की और बताया कि स्थानीय प्रशासन राहत व बचाव कार्य में लगा हुआ है।
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प्रधानमंत्री ने इस घटना में हताहतों के लिए मुआवजे की घोषणा भी की है। मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से ₹2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। घायलों को ₹50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी।
यह हादसा एक बार फिर दिल्ली में अवैध निर्माण, इमारतों की बिना मंजूरी के ऊंचाई और सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, जिस इमारत में हादसा हुआ, वह पहले से ही जर्जर स्थिति में थी, लेकिन इसके बावजूद उसमें लोग रह रहे थे।
राहत और बचाव कार्य देर रात तक जारी रहा, एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमें मलबा हटाकर फंसे लोगों को बाहर निकालने की कोशिशों में जुटी रहीं। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि हादसे की जांच कराई जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना राजधानी में सुरक्षा मानकों और शहरी विकास की निगरानी व्यवस्था को लेकर एक बड़ा चेतावनी संकेत बनकर सामने आई है।
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