Himachal Pradesh: ब्यास बेसिन में 131 स्टोन क्रशरों में से 68 के पास नहीं पाई गई अनुमति
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Himachal Pradesh: ब्यास बेसिन में 131 स्टोन क्रशरों में से 68 के पास नहीं पाई गई अनुमति

Himachal Pradesh: राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि प्रदेश में हाल ही की बरसात में आई प्राकृतिक आपदा के उपरान्त गठित मल्टी सेक्टर कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है, जिसमें आपदा के लिए जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ अवैज्ञानिक और अवैध खनन को प्रमुख कारक पाया गया है।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्यास नदी बेसिन पर 131 स्टोन क्रशर स्थापित हैं, जिनमें से 68 के पास इनके संचालन के लिए जरूरी अनुमति नहीं पाई गई तथा 50 संचालकों के पास ही जरूरी अनुमति पाई गई है। इसके अतिरिक्त 7 क्रशर बाढ़ से प्रभावित पाए गए जबकि 6 में भण्डारण से संबंधित तथा अन्य अनियमितताएं पाई गई हैं। इसके साथ-साथ नदी में अत्याधिक मलबा फैंकने के कारण बाढ़ ने गंभीर रूप धारण किया, जिससे आस-पास के सामुदायिक ढांचे और जान माल को भारी नुकसान पहुंचा। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्यास नदी का पर्यावरणीय संतुलन भारी दबाव में है, जिसका वैज्ञानिक अध्ययन करने की आवश्यकता है तथा स्टोन क्रशरों के संचालन के लिए लघु, मध्यम तथा दीर्घावधि उपाय सुझाने पर भी बल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि समिति ने जरूरी अनुमति प्राप्त 50 स्टोन क्रशर को कुछ शर्तों के साथ संचालित करने की अनुमति प्रदान करने की सिफारिश की है, जिसके तहत यह क्रशर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे के लिए संचालित किए जा सकते हैं। समिति ने सिफारिश की है कि किसी भी क्रशर पर डीजी सेट का प्रयोग अवैध बनाया जाना चाहिए। भविष्य में सभी स्टोन क्रशरों में सीसीटीवी कैमरा लगाने की भी सिफारिश की गई है, जिनकी निगरानी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा खनन विभाग के अधिकारी करें। स्टोन क्रशर के 500 मीटर दायरे में अगर कोई भी गैर-कानूनी खनन पाया गया तो स्थानीय अधिकारी लिखित में रिपोर्ट दें, अन्यथा उसी स्टोन क्रशर पर कार्रवाई की जाए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिन स्टोन क्रशर के पास जरूरी अनुमतियां नहीं हैं, उन्हें पहले यह अनुमतियां प्राप्त करनी होंगी, जिसके बाद मामला दर मामला आधार पर उन्हें खोलने पर विचार किया जाए।
प्रवक्ता ने कहा कि समिति ने यह भी सिफारिश की है कि प्रदेश के पर्यावरणीय संतुलन के लिए राज्य सरकार खनन व स्टोन क्रशरों के संचालन की अनुमति, नवीनीकरण आदि भविष्य में एक खिड़की आधार पर उच्च स्तरीय अधिकृत समिति के माध्यम से प्रदान की जाएं। समिति की अंतिम रिपोर्ट आने तक प्रदेश में नए स्टोन क्रशर खोलने पर अस्थाई प्रतिबंध रहे। रिपोर्ट में कैप्टिव स्टोन क्रशर के संचालन की प्रक्रिया को भी सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया गया है ताकि उनका उपयोग  गैरकानूनी गतिविधियों में न हो सके। प्रवक्ता ने कहा कि उद्योग विभाग समिति की सिफारिशों का अध्ययन कर रहा है।

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