Greater Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी के आदेश दिये है। सवाल है कि क्या रितु माहेश्वार को पुलिस गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेशों का पालन कर पाएंगी। इससे पहले भी सीईओ रितु माहेश्वरी के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। उस वक्त रितु माहेश्वरी ने सुप्रीम कोर्ट जाकर गिरफ्तारी रूकवा ली थी। यहां ये बताना जरूरी है कि मामला रितु माहेश्वारी का निजी तौर पर नही है बल्कि पद के हिसाब से उन पर मामला बन रहा है।
गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर को सीईओ की गिरफ्तार के लिए वारंट जारी किया गया है। सीईओ रितु माहेश्वरी को 1 महीने के लिए जेल भेजने के आदेश दिए गए हैं। एक भूखंड आवंटी और विकास प्राधिकरण के बीच करीब 18 साल से चल रहे केस में जिला उपभोक्ता फोरम ने शनिवार को ये आदेश जारी किया है।
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जुर्माना भी लगा
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष अनिल कुमार पुंडीर और सदस्य दयाशंकर पांडे ने पूरे केस की सुनवाई करते हुए शनिवार को नया आदेश पारित किया है। जिला उपभोक्ता फोरम ने शनिवार को पारित आदेश में कहा है कि पिछले 9 वर्षों से ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण जिला फोरम और राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के आदेशों को लटका रहा है। रितु माहेश्वरी पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई थी फटकार
मालूम हो कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। उनके खिलाफ अवमानना मामले में तब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। कोर्ट ने माना था कि जमीन लेने के बाद मुआवजा लेने के आदेश का पालन नहीं हुआ। तब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि अगर आप अदालत की अवमानना करेंगी तो आपको इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा। हालांकि उनकी इसके बाद गिरफ्तारी नही सकी थी।