Delhi News: नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि सरकार ने गुरुवार को पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाकर सकारात्मक पहल की है और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए गंभीर कदम उठाने चाहिए। श्री खरगे ने बैठक में शामिल होने के बाद पत्रकारों से कहा “हम सभी ने पहलगाम घटना की कड़ी निंदा की है। जम्मू- कश्मीर में शांति स्थापित करना बेहद जरूरी है, जिसके लिए सरकार गंभीर प्रयास करे।”
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उन्होंने कहा, “हमने पहले से ही और सवाल उठाए हैं कि ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री को मौजूद रहना चाहिए था क्योंकि वह जो निर्णय लेते हैं, वह फाइनल होता है। आज रक्षा मंत्री के नेतृत्व में जो बैठक हुई उसमें केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही उन लगभग सभी दलों के नेता मौजूद थे, जिनको बैठक में बुलाया गया था। हमारा कहना था कि बैठक में प्रधानमंत्री का रहना आवश्यक था लेकिन सरकार के मंत्रियों ने कहा कि वह विपक्षी दलों की बैठक का संदेश प्रधानमंत्री को दे देंगे।” श्री खरगे ने कहा कि वहां त्रिपक्षीय सुरक्षा रहती है। वहां 1000 से ज्यादा लोग गये थे और यह सुरक्षा में चूक थी। अब सुरक्षा दुरुस्त हो। इस बारे में सरकार ने कहा कि आगे विपक्ष के सभी सुझाव पर ध्यान दिया जाएगा। सरकार को जो कदम उठाने चाहिए थे वह तत्काल नहीं उठाए गए हैं।
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उन्होंने कहा कि सभी ने एक स्वर में कहा कि सरकार देशहित में जो भी कदम उठाएगी, इस मुद्दे पर हम सब एक हैं और सरकार का साथ देंगे। देश एक है, इससे यह संदेश जाएगा। अमरनाथ यात्रा को लेकर भी सरकार को जरूरी कदम उठाने की सलाह विपक्षी दलों ने दी है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस घटना से उसे सबक मिला है और सुरक्षा को कड़ा किया जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वहां त्रिपक्षीय सुरक्षा आवश्यक है। सरकार आतंकवाद रोकने के लिए सख्त कदम उठाये और सभी दल इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़े हैं। जो घटना हुई है सरकार को इसकी छानबीन करनी चाहिए और इस बारे में जो भी रिपोर्ट आएगी सरकार उसकी जानकारी विपक्षी दलों को भी देगी। उनका कहना था कि धर्म के नाम पर देश को बांटने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए और सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक प्रचार रोके जाने चाहिए, सरकार ने विपक्षी दलों के इस आग्रह को सुना है।