हॉलीवुड में साउथ एशियन प्रतिनिधित्व पर बहस: श्वेता केसवानी ने प्रियंका चोपड़ा पर साधा निशाना, कहा- ‘वो सिर्फ खुद की मदद कर रही हैं, मिंडी कैलिंग जैसी नहीं’

Hollywood/Priyanka Chopra News: बॉलीवुड की ग्लोबल आइकन प्रियंका चोपड़ा एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं, लेकिन इस बार किसी नई फिल्म या प्रोजेक्ट की वजह से नहीं। अमेरिका में रहकर काम करने वाली भारतीय मूल की अभिनेत्री श्वेता केसवानी ने प्रियंका के हॉलीवुड सफर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उनकी सफलता ने अन्य साउथ एशियनों के लिए दरवाजे नहीं खोले। इसके बजाय, श्वेता ने कॉमेडियन और प्रोड्यूसर मिंडी कैलिंग की तारीफ की, जिन्हें वे साउथ एशियन समुदाय के लिए ‘सच्ची राह बनाने वाली’ मानती हैं।

एक मीडिया चैनल को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में श्वेता ने खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “प्रियंका ने जो हासिल किया है, वो अविश्वसनीय है, इसमें कोई शक नहीं। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो वो सिर्फ खुद की मदद कर रही हैं। साउथ एशियनों के लिए उन्होंने कोई बड़ा रास्ता नहीं बनाया।” श्वेता ने आगे मिंडी कैलिंग का उदाहरण देते हुए जोड़ा, “मिंडी कैलिंग जो कर रही हैं, वो कमाल की है। वो लिख रही हैं, प्रोड्यूस कर रही हैं और अन्य साउथ एशियनों को इस मुश्किल इंडस्ट्री में आगे बढ़ने में मदद कर रही हैं, खासकर महिलाओं को।”

श्वेता केसवानी, जो ‘कहानी घर घर की’ और ‘बा बहू और बेबी’ जैसे सीरियल्स से भारत में मशहूर हुईं, पिछले एक दशक से अमेरिका में काम कर रही हैं। उन्होंने ‘न्यू एम्स्टर्डम’, ‘द ब्लैकलिस्ट’ और ‘द बीनी बबल’ जैसी हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लिया है। हाल ही में वे लॉ एंड ऑर्डर: एसवीयू के एक एपिसोड में नजर आने वाली हैं। श्वेता ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि हॉलीवुड में साउथ एशियन कलाकारों के लिए क्लिक्स और पक्षपात की समस्या बनी हुई है। “मैं किसी साउथ एशियन क्लिक का हिस्सा नहीं हूं। लॉस एंजिल्स से दूर रहने और मां बनने की जिम्मेदारियों ने मुझे सोशल सर्कल से अलग रखा,” उन्होंने कहा।

उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कई यूजर्स ने बहस छेड़ दी है। एक यूजर ने लिखा, “श्वेता सही कह रही हैं, प्रियंका की सफलता व्यक्तिगत है, लेकिन समुदाय के लिए मिंडी जैसी आवाजें जरूरी हैं।” वहीं, कुछ फैंस ने प्रियंका का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने ‘क्वांटिको’ और ‘सिटाडेल’ जैसे शोज से साउथ एशियनों की विजिबिलिटी बढ़ाई है।

प्रियंका चोपड़ा का हॉलीवुड सफर 2015 में ‘क्वांटिको’ से शुरू हुआ, जिसने उन्हें पहली प्रमुख साउथ एशियन लीड एक्ट्रेस के रूप में स्थापित किया। इसके बाद ‘बेवॉच’, ‘इज्न्ट इट रोमांटिक’ और ‘द मैट्रिक्स रिसरेक्शंस’ जैसी फिल्मों ने उन्हें ग्लोबल स्टार बनाया। प्रियंका ने खुद कई इंटरव्यूज में कहा है कि साउथ एशियन एक्टर्स को हॉलीवुड में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।

2021 में उन्होंने एक मीडिया चैनल को बताया, “हमें लीड रोल्स के लिए कड़ी लड़ाई लड़नी पड़ती है। मैंने 10 साल की मेहनत के बाद वो काम पाया जो चाहती थी।” हाल ही में अमेजन के साथ उनके पहले लुक डील और ‘अस्स्यूम नथिंग’ सीरीज की घोषणा ने उनकी सक्रियता दिखाई।

दूसरी ओर, मिंडी कैलिंग को ‘द मिंडी प्रोजेक्ट’ और ‘नेवर हैव आई एवर’ जैसे शोज के लिए जाना जाता है, जहां उन्होंने साउथ एशियन किरदारों को मजबूती दी। श्वेता के मुताबिक, मिंडी न सिर्फ खुद आगे बढ़ीं बल्कि अन्य महिलाओं को मौके दे रही हैं। हालांकि, मिंडी पर भी कुछ आलोचनाएं हुई हैं, जैसे उनके शोज में कलरिज्म के आरोप।

यह विवाद हॉलीवुड में विविधता और समावेशिता की बड़ी बहस को फिर से उजागर करता है। साउथ एशियन कलाकारों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अभी भी रास्ते कठिन हैं। श्वेता खुद अपनी अपकमिंग शॉर्ट फिल्म ‘तबस्सुम’ प्रोड्यूस कर रही हैं, जो एक 40 साल की साउथ एशियन महिला की कहानी है। “ये कहानी मुझे छू गई, इसलिए मैंने इसे प्रोड्यूस करने का फैसला किया,” उन्होंने कहा।

फिलहाल, न प्रियंका ने इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया दी है और न ही मिंडी ने। लेकिन यह चर्चा साउथ एशियन टैलेंट की जिम्मेदारी पर नए सवाल खड़े कर रही है- क्या व्यक्तिगत सफलता ही काफी है, या समुदाय को ऊपर उठाने के लिए और प्रयास जरूरी हैं?

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