Subvention Scheme Case: लंबे समय से चर्चा हो रही थी कि होम बायर्स एक तरफ तो बैंको की ईएर्मआइ दे रहे हैं तो दूसरी तरफ़ फ्लैट न मिलने के कारण करायें के मकान में रहने को मजबूर और जहाँ रहते हैं उस मकान का भी किराया देना पड़ रहा है। ऐसे में बॉयर्स पर दोहरी मार पड़ रही है, लेकिन अब Supreme Court ने भी आशंका व्यक्त की है कि बिल्डर और बैंक के गठजोड़ से एक आम व्यक्ति को बहुत नुकसान हुआ है। Supreme Court ने सीबीआई को बिल्डरों और बैंकों के बीच सांठगांठ की जांच का आदेश दिया है। दरअसल, जांच सबवेंशन स्कीम के तहत होगी। उससे बिल्डर और बैंको की मशां का पता चल सकेंगा।
सीबीआई की शुरुआती जांच
बता दें कि CBI शुरुआती जांच करेगी। इससे एनसीआर और दूसरे राज्यों में सुपरटेक की परियोजनाएं और बैंकों की भूमिका की जांच होगी। बैंकों ने इन हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए हजरों करोड़ लोन दिए थे। जांच एजेसी सीबीआई सुपरटेक के प्रोजेक्ट्स की जांच करेगी। साथ ही, उन बैंकों की भी जांच होगी जिन्होंने सबवेंशन स्कीम के तहत पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन दिया है। एक और जांच एनसीआर से बाहर के बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स की होगी। बाकी पांच जांच नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण, गुरुग्राम प्राधिकरण और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की भूमिका पर होंगी।
जांच के लिए सीबीआई एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाएगी। इस टीम में यूपी और हरियाणा पुलिस के लोग भी होंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादातर प्रोजेक्ट एनसीआर में हैं।सुप्रीम कोर्ट ने भूमि विकास प्राधिकरणों, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के रेरा और आरबीआई को नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी आदेश दिया है। ये अधिकारी सीबीआई या एसआई को सारी जानकारी देंगे।
Subvention Scheme Case:
सुप्रीम कोर्ट ने एक महीने के अंदर पहली अंतरिम रिपोर्ट मांगी टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) को तीन सीए की सेवाएं देने के लिए कहा गया है। ये सीए बिल्डर-बैंकर गठजोड़ की जांच में एसआईटी की मदद करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 1 महीने के अंदर पहली अंतरिम रिपोर्ट मांगी है। इसका मतलब है कि मामले की निगरानी हर महीने होगी। कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई बिल्डरों और बैंकों के बीच की मिलीभगत की तह तक जाएगी। सबवेंशन स्कीम एक तरह का लोन है। इसमें बायर्स को कुछ समय के लिए ईएमआई नहीं देनी होती। यह बिल्डर देता है।
यूपी और हरयिाण पुलिस होगी शामिल
यहाँ ये बताना जरूरी है जी इस जांच में उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पुलिस वाले इसलिए होंगे क्योंकि ज्यादातर गड़बड़ एनसीआर में हुई है। आईसीएआई से सीए इसलिए मांगे गए हैं ताकि वे लोन के हिसाब-किताब को ठीक से समझ सकें। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर हर महीने नजर रखेगा ताकि जांच जल्दी पूरी हो।