Yamuna Authority: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में प्लॉट खरीदने वालों के लिए राहत भरी खबर है। अब प्लॉट वाले फ्रॉड का झंझट खत्म होगा और लोगों को खरीदने से पहले जमीन की पूरी कुंडली पता लग जाएगी। अतिक्रमण, कानूनी विवाद, सुविधाओं का अभाव के कारण प्लॉटों पर कब्जे के लिए प्राधिकरणों में आवंटी वर्षों चक्कर लगाते हैं। अफसरों से आश्वासन के अलावा लोगों के कुछ हाथ नहीं आता।
उद्योग लगाने में वर्षों का समय निकल जाता है, लेकिन यमुना प्राधिकरण में प्लॉट के लिए आवेदन से पहले ही आवेदकों को यह जानने का मौका मिलेगा, जिस प्लॉट के लिए वह आवेदन करने जा रहा है, उसकी स्थिति क्या है, प्लॉट पर किसी तरह का विवाद या अतिक्रमण तो नहीं है। पानी, बिजली और सीवर जैसी बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं भी या नहीं। जियो मैपिंग से खुलेगी प्लॉट की मौके की हकीकत का पता चल सकेंगा।
इन सेक्टरों में पूरा हुआ जियो मैपिंग का काम
यमुना प्राधिकरण जियो मैपिंग के जरिये यह सुविधा आवेदकों को उपलब्ध कराने जा रहा है। शुरुआत में आठ औद्योगिक सेक्टरों की जियो मैपिंग का काम पूरा हो चुका है। जून तक यह सुविधा प्राधिकरण के पोर्टल पर उपलब्ध हो जाएगा। यीडा का दावा है कि यह सुविधा देने वाला वह पहला प्राधिकरण होगा।
किसी भी योजना में शामिल प्लॉट की स्थिति की जानकारी पहले ही मिल जाएगी। जैसे ही प्लॉट पर कोई व्यक्ति क्लिक करेगा, प्लॉट का क्षेत्रफल, जमीन का मालिकाना हक, कानूनी स्थिति, अतिक्रमण, प्लॉट की श्रेणी (उद्योग, आवासीय, कामर्शियल, संस्थागत) आदि की जानकारी मिल जाएगी। इसके साथ ही प्लॉट तक पहुंचने के लिए सड़क, पानी, सीवर लाइन, बिजली नेटवर्क आदि की जानकारी भी उपलब्ध होगी। आवेदक इस जानकारी के बाद प्लॉट प्राधिकरण से या मार्किट से खरीदना चाहे तो खरीद सकते है। आज कल शिकायत्र आ रही है कि प्राधिकरण की और से कोई सुविधा मौके पर नही है, कही कब्जा नही मिला है तो कही किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े है।