YEIDA And Patanjali Ayurvedic Village: 2014 में भाजपा सरकार बनने से पहले पंतजलि के सर्वेसर्वा बाबा रामदेव को काफी कुछ सहना पड़ा था। सरकार बदलने के बाद उन्होंने न केवल अपने पुराने घाटे को जल्दी जल्दी पूरा किया बल्कि वे जेंटल मैन के रूप में बनकर उभरे। एक चतुर बिजनेसमैन की तरह उन्होंने तमाम भाजपा शासित प्रदेशों में बड़ा लैंड बैंक बनाया है। यीडा में भी उन्होंने पंतजलि आयुर्वेदिक विलेज बनाने के लिए तकरीबन 450 एकड़ भूमि प्राधिकरण से आवंटित कराई। अभी तक वहां पर पंतजलि का तो कुछ बड़ा उद्योग दिखाई नहीं देता अलबत्ता इस भूखंड पर उन्होंने पंतजलि इंडस्ट्रियल पार्क बनाने के साथ ही एक कुशल बिल्डर की तरह प्लाटिंग शुरू कर दी है। प्राधिकरण इसमें रोड़ा न बने अथवा विपक्षी इसे मुद्दा न बनाएं उसके लिए वे लखनऊ से एक पत्र लिखा लाए हैं। जिसके तहत ये जो प्लाटिंग कर रहे है। धन का एक हिस्सा यीडा प्राधिकरण को भी देंगे। जिसके प्लाॅट खरीददार खुद प्राधिकरण में जमा करा सकता है।
बिल्डरों को तो प्राधिकरण ऐसी अनुमति देता रहा है। यह पहली बार है जब किसी को रियायती दरों पर जमीन आवंटित की गई। चूंकि कार्य सामाजिक दिखाया गया इसलिए स्टांप शुल्क में भी छूट दी गई है। मगर अब बाबा यीडा प्राधिकरण के समानांतर औद्योगिक स्कीम लाकर धड़ल्ले से भूखंड बेच रहे हैं।
प्राधिकरण कस रहा शिकंजा
उधर प्राधिकरण ऐसे लोगों की लगाम कसने में लगा है। जो औद्योगिक भूखंड आवंटित कराकर बाजार में बेच रहे हैं। ये लोग मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। नतीजतन प्राधिकरण की औद्योगिककरण को बढ़ावा देने की मंशा चैपट हो रही है। यीडा सिटी में आवंटित औद्योगिक भूखंड को निर्धारित समय में निर्माण पूरा किए बिना बेचना अब संभव नहीं है। इसे लेकर अब यमुना अथॉरिटी सख्त हो गई है। इसी के चलते सार्वजनिक सूचना भी जारी कर ऐसे आवंटियों को आगाह किया है। जिला प्रशासन से यीडा सिटी के औद्योगिक भूखंडों के एग्रीमेंट टू सेल व पावर ऑफ अटॉर्नी के मामलों की डिटेल भी मांगी गई है।
अथॉरिटी का बयान
अथॉरिटी का कहना है कि यीडा सिटी को बसाने के लिए औद्योगिक भूखंडों का आवंटन किया गया था, ताकि इंडस्ट्री लगे, रोजगार के अवसर मिलें तो लोग यहां आकर रहना शुरू करें, जो आवंटी बिना निर्माण किए ही इन प्लॉटों को बेचकर मुनाफा कमाने की फिराक में हैं या किसी दूसरे तरीके से रीसेल कर चुके हैं, उनके आवंटन अथॉरिटी निरस्त करेगी।
यीडा में है पांच औद्योगिक सेक्टर
यीडा सिटी में 5 औद्योगिक सेक्टर विकसित किए जा रहे हैं। इनमें सेक्टर-24, 24ए, 30, 32, 33 में अभी तक उद्यमियों को 3215 औद्योगिक भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है, लेकिन अभी तक 50 प्रतिशत ने भी औद्योगिक इकाई और फैक्ट्री का निर्माण शुरू नहीं किया। शहर में भूमि की कीमतें बढ़ने के चलते ये आवंटी मुनाफा कमाने के लिए इन्हें बेचने की फिराक में हैं, ऐसे में प्राधिकरण ने सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। अब शहर में बिना निर्माण के किसी भी औद्योगिक भूखंड को बेचा नहीं जा सकेगा। इसके अलावा यदि कोई भी उद्यमी कंपनी का स्थानांतरण करना चाहेगा तो वह सिर्फ अपने खून के रिश्तों में ही ऐसा कर पाएगा, इसके बाहर स्थानांतरण की अनुमति भी नहीं मिलेगी।
50 प्रतिशत पक्का निर्माण कर यूनिट करें स्थापित
औद्योगिक भूखंड पर 50 प्रतिशत पक्का निर्माण कर यूनिट स्थापित करना अनिवार्य है। कई जगह ऐसा देखा गया कि उद्यमी भूखंड पर टिनशेड डालकर मशीन फिट करा देते हैं व उद्योग शुरू कर देते हैं, चूंकि शहर में विश्व स्तर की सुविधाएं विकसित होने जा रही हैं।