‘जॉली एलएलबी 3’ रिलीज होगी या नहीं? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, गाने को लेकर था विवाद

Jolly LLB 3 VS Advocate News : बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार और अरशद वारसी की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘जॉली एलएलबी 3’ को लेकर पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा था। इस फिल्म के एक गाने ‘भाई वकील है’ पर न्यायपालिका व वकालत के पेशे को बदनाम करने के आरोपों के कारण मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया था। लेकिन अब इस विवाद पर विराम लग गया है, क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर लगे सवालों को खारिज कर दिया है। आइए, इस पूरे मामले की गहराई से पड़ताल करते हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक डिवीजन बेंच, जिसमें जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस बृज राज सिंह शामिल थे, ने फिल्म ‘जॉली एलएलबी 3’ के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि फिल्म का गाना ‘भाई वकील है’ और इसके ट्रेलर में न्यायपालिका व वकीलों की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई है। इसके साथ ही उन्होंने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने गाने के बोल और फिल्म के ट्रेलर/टीजर को बारीकी से जांचने के बाद पाया कि इसमें कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं है। कोर्ट ने कहा, “हमने गाने के बोल और ट्रेलर को ध्यान से देखा है, और इसमें वकीलों के पेशे में हस्तक्षेप करने वाला या गलत कुछ भी नहीं है।” इस आधार पर याचिका को बिना किसी जुर्माने के खारिज कर दिया गया, जिससे फिल्म निर्माताओं को बड़ी राहत मिली है।

विवाद की शुरुआत
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ लोगों और वकील संगठनों ने आरोप लगाया कि ‘जॉली एलएलबी 3’ में न्यायिक व्यवस्था का मजाक उड़ाया गया है। खास तौर पर गाना ‘भाई वकील है’ को लेकर आपत्ति जताई गई, जिसमें कथित तौर पर वकीलों और अदालती प्रक्रिया को हल्के में दिखाया गया है। इस मुद्दे को लेकर मई 2024 में अजमेर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रभान ने भी शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने दावा किया कि फिल्म की शूटिंग के दौरान कलाकारों ने जजों और वकीलों की छवि को कॉमेडी का हिस्सा बनाया, जो न्यायपालिका की गरिमा के खिलाफ है। इसके अलावा, अजमेर और आसपास के क्षेत्रों में फिल्म की शूटिंग को लेकर भी विरोध देखा गया था।

पुणे में नया मोर्चा
हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिल्म को हरी झंडी दे दी है, लेकिन विवाद अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। 20 अगस्त 2025 को पुणे की एक अदालत ने अक्षय कुमार और अरशद वारसी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस वकील वाजिद खान बिदकर की शिकायत पर आधारित है, जिनका कहना है कि फिल्म में अदालती कार्यवाही और वकालत के पेशे का अपमान किया गया है। खास तौर पर एक सीन में जजों को ‘मामू’ कहकर संबोधित करने पर आपत्ति जताई गई है। दोनों अभिनेताओं को इस मामले में 28 सितंबर 2025 को पुणे कोर्ट में पेश होना है, जिससे फिल्म की रिलीज को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

जॉली एलएलबी सीरीज का सफर
‘जॉली एलएलबी’ फ्रेंचाइजी अपने हास्य और सामाजिक मुद्दों को उठाने के लिए जानी जाती है। इसका पहला पार्ट 2013 में रिलीज हुआ था, जिसमें अरशद वारसी और सौरभ शुक्ला ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। इसके बाद 2017 में दूसरा पार्ट आया, जिसमें अक्षय कुमार ने लीड रोल निभाया और फिल्म ने दर्शकों के बीच खूब वाहवाही बटोरी। अब तीसरी कड़ी के साथ निर्माता एक बार फिर दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कानूनी पचड़ों ने इसे चर्चा में ला दिया है।

फिल्म की स्थिति और भविष्य
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन पुणे में लंबित मामला अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है। फिल्म के निर्माताओं और अभिनेताओं को उम्मीद है कि वे इस विवाद से निपटकर जल्द ही दर्शकों के सामने फिल्म पेश कर सकेंगे। दूसरी ओर, कुछ लोग मानते हैं कि इस तरह की फिल्में न्यायिक व्यवस्था के प्रति लोगों के भरोसे को प्रभावित कर सकती हैं, जबकि दूसरों का कहना है कि यह केवल मनोरंजन का साधन है और इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।

निष्कर्ष
‘जॉली एलएलबी 3’ की रिलीज को लेकर शुरू हुआ विवाद अब तक कई मोड़ ले चुका है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले ने फिल्म को राहत दी है, लेकिन पुणे में चल रही कार्रवाई भविष्य में क्या रंग लाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा। दर्शकों को भी इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं, और वे इसके रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं। क्या यह फिल्म विवादों से उबरकर बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाएगी, या कानूनी पचड़े में फंसकर और देर करेगी? यह सवाल अभी अनुत्तरित है।

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