मतदाताओं ने सुरक्षा और विकास के नाम पर दिया वोट

उपचुनाव: गाजियाबाद में सबसे कम 33.30 फीसदी मतदान, ईवीएम में कैद 14 प्रत्याशियों का भाग्य
ghaziabad news   गाजियाबाद की सदर सीट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान बुधवार को संपन्न हो गया पोलिंग बूथ पर पहुंचने वाले मतदाताओं के बीच उमंग और उत्साह का भाव साफ देखने को मिला।
लोगों ने बताया कि उन्होंने मतदान किस मुद्दे को ध्यान में रख कर डाला।
मतदाता प्रोफेसर डॉ अरुण प्रकाश अग्रवाल ने कहा, हमारे लिए सबसे पहले मुद्दा विकास है। हमारे इलाके को शुरू से ही नजरअंदाज किया जाता रहा है। कोई भी उम्मीदवार रहा हो, उसने सबसे पहले अपना पेट भरा, जनता के हित को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया। यहां पर सुरक्षा-व्यवस्था की बहुत समस्या है। हम चाहते हैं कि हमारा उम्मीदवार ऐसा हो जो इस क्षेत्र को जानता हो। जो इस क्षेत्र और यहां के लोगों को अपना मानता हो। हमारी यही मांग है। तभी हमारे यहां पर विकास सुनिश्चित हो सकेगा।

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मतदाता उमेश ठाकुर ने कहा, यहां विकास एक बड़ा मुद्दा है। हमें नजर अंदाज किया जा रहा है। यहां विकास की परियोजनाएं लागू नहीं हो पा रही हैं। यहां पर कानून-व्यवस्था की बहुत समस्या है। सुरक्षा बड़ा मसला है। नगर निगम भी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहा है। हम निगम को कई बार शिकायत कर चुके हैं। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। हमारे यहां कुत्ते काटने के बहुत मामले सामने आ रहे हैं। कई बार इसकी शिकायत नगर निगम से की गई। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिक्षा-व्यवस्था भी बदहाल ही है। लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मतदाता महेश पारिक ने कहा, हम चाहते हैं कि हमारा उम्मीदवार अच्छा हो, जो विकास पर ध्यान दे। आज की तारीख में विकास हमारी जरूरत है। इसके अलावा, हम ऐसी सरकार चाहते हैं, जो बेरोजगारी पर ध्यान दें।
मतदाता अर्जुन राय ने कहा कि, हमने मतदान किया है। लेकिन, मेरी शिकायत है कि कोई भी मुद्दा नहीं उठाता है। सभी लोग जीतने के बाद घर बैठ जाते हैं। ये लोग चुनाव जीतने के बाद घर चले जाते हैं। फिर कभी नहीं दिखते हैं। हम अच्छा उम्मीदवार चाहते हैं, जो कि हमारे लिए काम कर सकें।

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उपचुनाव में सदर सीट पर सबसे कम 33.30 प्रतिशत मतदान
ghaziabad news  गाजियाबाद की सदर विधानसभा सीट के चुनाव में बुधवार को 33.30 प्रतिशत वोटिंग हुई। हालांकि यह आकड़ा शाम पांच बजे तक का ही है।
निर्वाचन आयोग के अनुसार मतदान के दिन विभिन्न राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों से प्राप्त शिकायतों का तत्परता से जांच कराकर निस्तारण कराया गया।
उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच है। लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली चुनावी लड़ाई है, जिसमें कांग्रेस ने खुद को बाहर रखा है और समाजवादी पार्टी (सपा) का समर्थन किया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सभी नौ सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारते हुए अकेले चुनावी मैदान में है।
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सूची में नाम नहीं होने से वोट नहीं डाल सकें
ghaziabad news  शहर सीट पर हुए उपचुनाव में लोग वोट डालने से वंचित रह गए। वह मतदाता सूची में नाम नहीं होने पर वोट नहीं डाल सके। इससे नाराज लोगों ने मतदान केंद्र के बाहर हंगामा किया। साथ ही बीएलओ पर काम में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। विजयनगर स्थित बी-ब्लॉक निवासी जितेंद्र कुमार सुबह वोट डालने पहुंचे। वह वोट डालने के लिए पर्ची बनवाने लगे, लेकिन वोटर लिस्ट में उनका नाम नही था। इस कारण वह वोट नहीं डाल सके। उन्होंने बताया कि पूर्व के चुनाव में वोट डाला था। इस बार वोटर लिस्ट से नाम कैसे गायब है। इसका पता भी नहीं चल सका। प्रताप विहार के इंदिरपुरम पब्लिक स्कूल के मतदान केंद्र पर निशा पिता के साथ वोट डालने आई थी। वोटर लिस्ट में निशा का नाम गायब मिला, जबकि लिस्ट में उनका पिता का नाम था। निशा ने बताया वह उत्साह के साथ घर से वोट डालने आई थी। मतदान केंद्र पर आने के बाद पता चला कि वोटर लिस्ट में नाम नहीं है। ऐसे में उत्साह गायब हो गया। उनके पिता ने सूची से नाम कटने के लिए बीएलओ को जिम्मेदार ठहराया।
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कई मतदान केंद्रों पर नहीं मिली व्हीलचेयर
ghaziabad news   शहर गाजियाबाद विधानसभा सीट पर मतदान केंद्र में कई मतदान केंद्रों पर व्हीलचेयर दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को नहीं मिल पाई। परिजन अपने साधनों और ई-रिक्शा से बुजुर्गों और दिव्यांगों को बूथ तक ले जाते हुए दिखे। केंद्रों पर बुजुर्गों के लिए कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिली। हालांकि ज्यादातर केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे। शहर सीट पर उपचुनाव के लिए जिला निर्वाचन विभाग ने 119 मततान केंद्र बनाएं। इन केंद्रों में 507 बूथ स्थापित किए गए थे।
छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न
जिले की शहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के चलते बुधवार को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीट पर चुनाव लड़ रहे 14 दिग्गज प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया। मतदान को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया था। विधानसभा उपचुनाव में 14 दिग्गज प्रत्याशी मैदान में हैं। इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 4,61,664 मतदाता को करना था। मगर इनमें से करीब 1.57 लाख यानि कि आधे से भी कम मतदाता ही वोट डाल पाए।

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