यूपी में उपचुनाव से पहले ट्रेंड कर रहा जुड़ेगे तो जीतेगे और बंटेगे तो कटेंगे
By-election in UP: उत्तर प्रदेश में 13 नवंबर को होने जा रहे उपचुनाव को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ओर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आमने सामने हैं। इस चुनाव में खास बात है कि दिल्ली लखनऊ से दूर है। इसका मतलब ये हुआ कि राहुल गाँधी चुनाव में कहीं नजर नहीं आएँगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी उपचुनाव में दूर ही रहेंगे। उपचुनाव में सीएम योगी ने नारा दिया बांटेंगे तो कटेंगे और अखिलेश यादव ने नारे पर पलटवार करते नारा दिया है जुड़ेंगे तो जीतेंगे। दोनों ही अपने अपने तर्क दे रहे हैं। ये तो वक्त बताएगा उपचुनाव की नौ सीटों में से कौन कितनी हासिल करेगा। मगर आयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर फिलहाल चुनाव नही है।
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उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटें खाली हुईं जिन पर चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग ने 15 अक्तूबर को तिथियों की घोषणा की। लेकिन काूननी बाधाओं के चलते मिल्कीपुर विधानसभा पर चुनाव नही हो रहा। कहने के लिए तो उपचुनाव है लेकिन यह चुनाव आगे की राह बताएगा। सपा और भाजपा की रणनीति में से किसकी कारगर हैं इस पर भी पिक्चर स्पष्ट कर देगा। ये चुनाव सीएम योगी के भविष्य को भी तय करेगा। पहले तो कांग्रेस भी उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने इसके लिए मंथन कर रही थीं मगर अब समाजवादी पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इंडिया गठबंधन तो है लेकिन अखिलेश की टक्कर योगी आदित्यनाथ से मान जा रही है। अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों के सहारे चुनाव लड़ रहे हैं। योगी आदित्यनाथ बांटेंगे तो कटेंगे के नारे के साथ 80 बनाम 20 का ही सहारा ले रहे हैं। 80 मतलब हिंदू और 20 मतलब पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग जबकि समाजवादी पार्टी जुड़ेंगे तो जीतेंगे को सकारात्मक राजनीति करार देते हुए सभी जातियों से जोड़ने की बात कर रही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह चुनाव तय करेंगे सीएम योगी कितने मजबूत हैं और समाजवादी पार्टी की राह 2027 में कैसी रहने वाली है।
इन सीटो पर चुनाव
मीरापुर (मुजफ्फरनगर), कुंदरकी (मुरादाबाद), गाजियाबाद, खैर (अलीगढ़), करहल (मैनपुरी), शीशामऊ (कानपुर), फूलपुर (प्रयागराज), कटेहरी (अंबेडकर नगर) और मझवां (मिर्जापुर) में उपचुनाव हो रहे हैं। उपचुनाव वाली 8 सीटें विधायकों के लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जाने के बाद खाली हो गई थीं, जबकि शीशमऊ में सपा विधायक इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने की वजह से उपचुनाव हो रहा है।
2022 के विधानसभा चुनाव में शीशमऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी पर सपा का कब्जा था, जबकि फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर पर बीजेपी का कब्जा था. मीरापुर सीट पर आरएलडी का कब्जा था। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने 13 नवंबर को होने वाले 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में से 8 के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि एक सीट सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के लिए छोड़ दी है।