शासन ने सख्त निर्देश पर जिले के स्कूलों को नए बर्तन खरीदने के लिए बजट जारी
ghaziabad news सिल्वर के बर्तन में भोजन पकाने से धातु भोजन में मिल सकती है। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कैल्शियम और आयरन की कमी भी हो सकती है, जिसके कारण कई बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में अब जिले के सरकारी स्कूलों में मिलने वाला मिड-डे-मील सिर्फ स्टील के बर्तनों में ही पकाया और परोसा जाएगा, ताकि भोजन का पोषण बरकरार रहे। इसके लिए शासन ने बजट भी जारी किया है। जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अब स्टील के नए बर्तनों में ही मिड-डे-मील (मध्याह्न भोजन)परोसा जाएगा। खाना भी स्टील के ही बर्तनों में बनाया जाएगा। शासन ने सख्त निर्देशों के साथ नए बर्तन खरीदने के लिए बजट जारी किया है। जिले के कुल 446 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट स्कूलों में पढ़ने वाले 89 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को स्कूल में ही भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए राशन और बर्तन का इंतजाम सरकारी स्तर पर ही होता है। कई स्कूलों में पुरानी होने के कारण थाली, चम्मच और ग्लास आदि टूटे या चटके हुए थे। इसके चलते स्कूलों को नए बर्तन दिए जाने का निर्णय लिया गया। वहीं, स्कूलों में खाना बनाने के लिए सिल्वर के बर्तनों का इस्तेमाल होने से भोजन की पोषण कम हो जाता है और उससे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा रहता है। ऐसे में सभी स्कूलों को खाना बनाने और परोसने के लिए स्टील के ही बर्तन इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है।
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तीस तरह के बर्तनों की होगी खरीद
स्कूलों के लिए तीस तरह के बर्तन खरीदे जाएंगे। चाकू, डबल बर्नर भट्टी, परात, कूकर, कढ़ाही, तवा, बाल्टी, खाना परोसने वाली थाली, गिलास, चम्मच, एयर टाइट कंटेनर, हॉट-पॉट, रैक, अग्निशमन सुरक्षा यंत्र आदि खरीदने जाने हैं।
स्टील के बर्तन खरीदने के लिए शासन से जिले को 80 लाख का बजट पहले ही जारी हो चुका है। जिला शिक्षा विभाग की तरफ से भी स्कूलों को धनराशि भेज दी गई है। ज्यादातर स्कूलों में नए बर्तन खरीद लिए गए हैं। बाकि में भी जल्द खरीद लिए जाएंगे। जिला समन्वयक मिड-डे-मील टिंकू कंसल ने बताया कि छात्र संख्या के आधार पर सभी स्कूलों को धनराशि पहले ही भेज दी गई है।
क्या कहते हैं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव ने बताया कि सिल्वर के बर्तन में खाना पकाने से पोषण भी कम होता है और इससे कई बीमारियां भी हो सकती हैं। इसीलिए सिल्वर के बजाये स्टील के बर्तन में मिड-डे-मील पकाने और परोसने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूलों के बजट भी जारी कर दिया है।
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