क्रिटिकल केयर डॉक्टरों ने निकाली वॉकथॉन दिल्ली और नोएडा में लोगों को किया जागरूक
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क्रिटिकल केयर डॉक्टरों ने निकाली वॉकथॉन दिल्ली और नोएडा में लोगों को किया जागरूक

Noida News: एस.सी.सी.एम. दिल्ली-नोएडा (इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन की शाखा) ने 13 अक्टूबर यानी आज वार्षिक वॉकथॉन, मार्च-ऑन-फुट की सफलतापूर्वक मेजबानी की। यह कार्यक्रम दिल्ली और नोएडा के विभिन्न अस्पतालों से जुड़े गहन देखभाल चिकित्सकों ने आयोजित किया गया। यह पदयात्रा (वॉकथॉन) इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन (आई.एस.सी.सी.एम.) के स्थापना दिवस की वर्षगांठ के समारोह में निकाली गई ।

वॉकथॉन को डॉ. महेश शर्मा संसद गौतमबुद्ध नगर एंव पूर्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने हरी झंडी दिखाई गई। आज डॉक्टरों ने एक रैली आयोजित की जो दिल्ली के चिल्ला स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से शुरू हुई और नोएडा स्टेडियम में समाप्त हुई । वॉकथॉन का विषय गंभीर बीमारी के खिलाफ समाज को सशक्त बनाना था, इसका उद्देश्य गंभीर बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और जीवन बचाने में गहन विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना है।

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अपने पेशे में कड़ी मेहनत और बड़प्पन के बावजूद गहन देखभाल डाक्टरों को आम तौर पर जनता के क्रोध का सामना करना पड़ता है। डॉ. प्रशांत सक्सेना अध्यक्ष, डॉ. अखिल तनेजा सचिव, डॉ. अमित गोयल कोषाध्यक्ष, एससीसीएम दिल्ली नोएडा के पदाधिकारी हाल ही में, डॉक्टरों, विशेषकर गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) में काम करने वालों के खिलाफ हिंसा में चिंताजनक वृद्धि हुई है। गहन देखभाल विशेषज्ञों का मानना है कि वे आसान लक्ष्य बन गए हैं। गंभीर बीमारियों और गहन देखभाल टीम की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिए हर जीवन के लिए लड़ना, हर दिन, क्रिटिकल केयर बचाता है। एक साथ हम चलते हैं, एक साथ हम देखभाल करते हैं। जैसे नारे का इस्तेमाल किया गया था। इन विशेषज्ञों का मानना है कि समुदाय में गंभीर परिस्थितियों और जीवन बचाने के लिए आवश्यक तत्काल प्रतिक्रियाओं के बारे में जानकारी की काफी कमी है।

कैलाश अस्पताल ने निभाई अहम भूमिका

एससीसीएम दिल्ली-नोएडा के पदाधिकारियों ने कैलाश अस्पताल में एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर के समूह निदेशक डॉ. अनिल गुरनानी का हार्दिक आभार व्यक्त किया, जिनके नेतृत्व और समर्पण ने इस आयोजन की योजना और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सामुदायिक स्वास्थ्य और जुड़ाव को बढ़ावा देते हुए पदयात्रा में लगभग 383 डॉक्टरों ने भाग लिया और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, जो स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के सबसे बड़े समाज में से एक के गठन का प्रतीक है ।

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