Haryana News: लोगों के मुंह से निवाला छीनने में जुटी सरकार : कुमारी सैलजा
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि देश में रोजमर्रा जरूरत की चीजों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स मई 2024 में 8.69 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो मई 2023 में 2.91 प्रतिशत पर था। कमोडिटी रिसर्च फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल की तुलना में खाद्य तेल के दाम 30 प्रतिशत और दालों के दाम औसतन 20 प्रतिशत अधिक हैं। नव निर्वाचित लोकसभा सांसद ने कहा कि घर खर्च में करीब 24 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले किराने के सामान के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। बीते दो महीने में ही साबुन, हेयर ऑयल जैसी रोजमर्रा की चीजों के दाम 02-17 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। जबकि, रूटीन में प्रयोग होने वाले दूध, डेयरी प्रोडक्ट व सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े तो हैं ही, इनमें अभी और बढ़ोतरी की प्रबल संभावना भी बनी हुई हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट से पता चलता है कि अप्रैल-जून तिमाही में टमाटर 37.6 प्रतिशत, प्याज 89.4 प्रतिशत और आलू के दाम में 81.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जबकि, कंज्यूमर रिसर्च फर्म कैंटा की ताजा रिपोर्ट बताती है कि जनवरी-मार्च के तीन महीनों में आम भारतीय परिवार ने ग्रॉसरी (किराना, सब्जी, दूध, अंडे, ब्रेड, पनीर आदि) पर 49418 रुपये खर्च करने पड़े हैं। यानी, हर महीने एक आम भारतीय परिवार किराने पर 16400 रुपये से अधिक खर्च करने को मजबूर हैं। नव निर्वाचित लोकसभा सांसद ने कहा कि इतने भारी भरकम मासिक खर्च की मजबूरी के सामने वे परिवार बेबस हैं, जिनकी महीने की आमदनी ही 15 हजार रुपये तक है। बढ़ती महंगाई से उनके सामने परिवार चलाने का संकट खड़ा होने लगा है। इसलिए ही आर्थिक तंगी से हताश होकर आत्महत्या करने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। परिवार के परिवार जान दे रहे हैं और इस तरह की खबरें अखबारों में अक्सर सुर्खियां बन रही हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाते हुए महंगाई पर अंकुश लगाना चाहिए। देश की जनता का भूखी न रहे, इस तरह के इंतजाम करने चाहिए।
सरकारी नीतियों की विफलता ने की महंगाई में वृद्धि
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महंगाई की समस्या अत्यंत विकराल रूप धारण कर चुकी है। एक दर से बढ़ने वाली महंगाई तो, आम जनता किसी न किसी तरह से सह लेती है लेकिन कुछ समय से खाद्यान्नों और कई उपभोक्ता वस्तुओं के मूल्य में भारी वृद्धि ने उपभोक्ताओं की कमर तोड़ दी है। वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि का क्रम इतना तीव्र है कि व्यक्ति जब फिर से उसी चीज को दोबारा खरीदने जाता है तो वस्तु का मूल्य पहले से अधिक हो चुका होता है। जब तक सरकार वर्तमान पर कायम रहेगी, मुद्रास्फीति बढ़ेगी और आम आदमी का जीवन दूभर होता रहेगा। वृद्धि का सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। सरकारी नीतियों की विफलता ने महंगाई में वृद्धि की है। जब तक इन विसंगतियों को दूर नहीं किया जा सकता, तब तक महंगाई कम नहीं हो सकती।