मोटे अनाज में पोषण की भरमार, बिमारी रहती हैं दूर: डीएम
baghpat news : अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स उप्र मिलेट्स पुनरोद्धार के अंतर्गत प्रशिक्षण और क्षमता वर्धन कार्यक्रम के चलते जनपद स्तरीय कृषक प्रशिक्षण कार्यशाला का कलेक्ट्रेट लोकमंच पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने फीता काटकर शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने कलक्ट्रेट परिसर में लगे स्टॉल का भी निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि हमारी भारतीय परम्परा पहले से ही मोटे अनाज की थी, मोटे अनाजों के प्रति लोगों को अच्छा स्वास्थ्य मिलता था। उन्होंने कहा कृषि वैज्ञानिक हरित कान्ति के जनक स्वामीनाथन के सहयोग से गेहूँ के उत्पादन में हमे आत्मनिर्भरता मिली। आज हमारी दूसरे देशो पर खाद्यान्न में निर्भरता नही रही और हम आत्मनिर्भर बने। घर-घर रोटी पहुंची, घर-घर आटा पहुँचा। लेकिन अब हमारी खाने की थाली में पोषक तत्वों की कमी हो गयी है। हमारी थाली में पोषक तत्व नहीं रहें, आज हमें मोटे अनाज की जरूरत है। ओर मोटे अनाज से लोगो को भरपूर पोषण मिलता है। बीमारिया दूर होती है। जिलाधिकारी ने बताया कि मोटे अनाज में हमे ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का आदि का सेवन करे।
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कार्यक्रम के दौरान जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि किसान अपना विभाग में निशुल्क पंजीकरण कराकर आलू, सरसों के बीज, लहसुन, प्याज, मसाले सरकारी दरों पर प्राप्त कर सकते है। जबकि कैनरा बैंक के बोबी शर्मा ने कहा कि स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान बागपत 2011 से अब तक बागपत जिले के बहुत से बेरोजगारो को निशुल्क प्रशिक्षण देकर रोजगार के लिये प्रोत्साहित कर चुका है। इस अवसर पर उप कृषि निदेशक दुर्ग विजय सिंह, जिला कृषि अधिकारी बाल गोविंद यादव, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश चंद, इफको के चीफ मैनेजर, कृषि वैज्ञानिक, कैनरा बैंक उपस्थित रहें।
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