Yamuna Authority: प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में किसान और बायर्स के हित सर्वोपरि
पिछले कुछ समय से देखने में आ रहा है कि प्राधिकरण केवल प्रॉफिट के लिए ही काम कर रहे हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण केवल और केवल अपना लाभ कमाने में लगे हैं। मगर इस बार यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 75वी बैठक में ऐसे निर्णय लिए गए। जिससे कि किसान और फ्लैट बायर्स के हित ही सर्वोपरि रहें। प्राधिकरण के सीईओ डॉं.अरुण वीर सिंह ने बताया कि आवंटीओं के लिए लाई गई वन टाइम सेटेलमेंट पॉलिसी काफी अच्छा रिस्पांस मिला है। जिससे 140 करोड रुपए की प्राप्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि जेपी इंफ्राटेक पर प्राधिकरण के 6110 करोड़ रूपये बकाया है। अब जेपी के कोर्ट में दिए गए अनुरोध पर आंशिक रूप से भूखंड को रिस्टोर करने की प्रक्रिया पर सहमति बनी है। जेपी ने जमीन सरेंडर करने के लिए प्राधिकरण से कहा था लेकिन प्राधिकरण ने जेपी से कहा है कि जो जमीन वापस करना चाहता है उसे रिस्टोर कराकर बाजार में बेच के किसानों का 64 प्रतिशत मुआवजा दें। जो बायर्स बिल्डरों के फेर में फंसे हैं उनको भी निकालने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। जेपी के करीब 300 फ्लैट के लिए प्राधिकरण ने योजना बनाकर काम किया है। डॉ. अरूणवीर सिंह ने कहा कि यदि जेपी भूखंड रिस्टोर करा लेता है तो उससे 659 करोड़ की प्राप्ति होगी।
मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए बनाई योजना
प्राधिकरण की ओर से मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए विशेष योजना बनाई गई है। इसमें कुछ प्रोडक्ट के लिए भूखंडों को आरक्षित कर दिया गया है। डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इन विट्रो डायग्नोस्टिक के लिए 20 भूखंड आवंटन को आरक्षित कर दिए गए हैं। इसमें आरटीपीसीआ, एलिजा, डीएनए- आरएनए, कैंसर और रेडीयोलाॅजी के लिए 60 भूखंड आरक्षित कियो गए है।
डबल अलाॅटमेंट वालो को राहत
ठस बोर्ड बैठक में ऐ अहम फैसला ये भी लिया गया है है कि जिन लोगों ने प्राधिकरण की बीएच योजनाओं में दो भूखंड लिये थे। अब निर्णय लिया गया है कि रजिस्टेश फीस काट कर अन्य पैया 18 आवटियों को वापस कर दिया जाएंगा।