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2026 फीफा विश्वकप की मेजबानी अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा को मिली

मास्को। अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा ने बुधवार को फीफा सदस्य देशों के मतदान में मोरक्को को आसानी से हराकर संयुक्त रूप से 2026 विश्व कप मेजबानी के अधिकार हासिल किए. उत्तर अमेरिकी देशों को 203 में से 134 मत मिले, जबकि मोरक्को ने मास्को में 2018 विश्व कप की पूर्व संध्या पर आयोजित फीफा कांग्रेस में मतदान में सिर्फ 65 मत हासिल किए. फीफा के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि तीन देशों को विश्व कप टूर्नामेंट की मेजबानी का कार्यभार सौंपा गया है। इससे फुटबॉल का महासमर 1994 के बाद पहली बार उत्तर अमेरिकी महाद्वीप में वापसी करेगा, जब अमेरिका ने इसकी मेजबानी की थी. इस संयुक्त मेजबानी में उत्तरी अमेरिकी देशों ने बोली में आधुनिक और स्थापित स्टेडियम तथा परिवहन के अच्छे लिंक मुहैया कराने की बात की. साथ ही मेक्सिको में फुटबाल को लेकर काफी उत्साह भी है। वहीं मोरक्को ने अफ्रीका में ‘यूरोपीयÓ विश्व कप का वादा किया और उत्तर अफ्रीकी देश की यूरोप से नजदीकी होने की बात की. लेकिन जब तुलना की गई तो मोरक्को की बोली में ज्यादातर बातें कागजों पर ही दिखी क्योंकि कई स्टेडियम और सड़कों के निर्माण कराना पड़ता और आलोचकों ने सवाल उठाए कि वह 2026 टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए कैसे तैयार होगा।

क्योंकि इस प्रतियोगिता को अब 48 टीमों का कर दिया जाएगा.

फीफा के इंस्पेक्टरों ने अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको की बोली को रेटिंग में पांच में से चार अंक से प्रबल दावेदार माना, जबकि इनकी तुलना में मोरक्को की रेटिंग पांच में से महज 2.7 रही. इससे पहले उत्तरी अमेरिका की दावेदारी के पक्ष में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके धमकी देते हुए दुनिया के देशों से समर्थन की मांग की थी. अमेरिकी फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कार्लोस कोरडेरियो ने कहा कि यह अद्वितीय है और उत्तरी अमेरिका में फुटबॉल जगत के लिए बहुत बड़ा पल है. 2026 में होने वाले विश्व कप टूर्नामेंट में 32 के बजाए 48 टीमें हिस्सा लेंगी. इस टूर्नामेंट में 80 में से 60 मैच अमेरिका में खेले जाएंगे, वहीं कनाडा और मेक्सिको में 10-10 मैच खेले जाएंगे. अमेरिका में क्वार्टर फाइनल मैच भी खेले जाएंगे.

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