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सवा सौ करोड़ घाटे में चल रही नोएडा-ग्रेनो मेट्रो

नोएडा। नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन नए साल से अपने आर्थिक हालात सुधारने की ओर ध्यान देगा। फिलहाल नोएडा, ग्रेटर नोएडा मेट्रो को अधिक यात्री नहीं मिल पा रहे हैं जिसके चलते एनएमआरसी करीब 125 करोड़ रुपए सालाना के घाटे में रहकर मेट्रो को चला रहा है। एनएमआरसी के कार्यकारी निदेशक पीडी उपाध्याय की मानें तो पिछले कुछ महीनों से घाटे की दर कम हुई है, हालांकि अब भी घाटा इतना है कि उसकी भरपाई करना बेहद जरूरी है।
उन्होंने बताया कि पहले करीब 12 से 13 करोड़ प्रति माह घाटा एनएमआरसी को हो रहा था लेकिन अब इस घाटे में कम किया जा रहा है। पिछले 2 महीनों में घाटा दस करोड़ के आसपास आ गया है। एनएमआरसी घाटे की भरपाई करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है ताकि सबसे पहले नोएडा प्राधिकरण पर एनएमआरसी लायबिलिटी के रूप में न रहे। उन्होंने बताया कि अलग-अलग योजनाएं चलाकर एनएमआरसी अधिक से अधिक यात्रियों को आकर्षित कर रहा है। मेट्रो स्टेशन से फीडर बसें चलाई गई हैं इसके अलावा अब ई-साइकिल प्रणाली शुरू कर दी गई है। इस ई-साइकिल प्रणाली से लास्ट माइल कनेक्टिविटी लोगों को मिल सकेगी। जिसके चलते अधिक से अधिक यात्री मेट्रो में ही सफर करना पसंद करेंगे। पीडी उपाध्याय ने बताया कि कई मेट्रो स्टेशन पर ई-साइकिल रखी गई हैं। यह व्यवस्था निजी कंपनी के साथ मिलकर की गई है।

कमर्शियल स्पेस बेचकर होगी पूर्ति : एनएमआरसी कमर्शियल स्पेस बेचकर घाटे की पूर्ति करेगा। हर स्टेशन पर दुकानों के लिए टेंडर निकाला जाएगा ताकि एनएमआरसी का खजाना भर सके। सभी स्थानों पर एक फ्लोर में मॉल की तर्ज पर दुकानें बनाने की योजना एनएमआरसी पहले ही प्लान कर चुका है।
फीडर बसों के किराए पर होगा पुर्नविचार : लोगों को सस्ती दरों पर नोएडा में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जा सके इसके लिए फीडर बसों में किराए को निर्धारित करने के लिए दोबारा सर्वे कराने पर विचार कर किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग एनएमआरसी की फीडर बसों में ही सफर कर सकें।

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