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छिड़ी सियासी जंग,सर्जिकल स्ट्राइक का असली वीडियो आया सामने

नई दिल्ली। सितंबर 2016 में पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के ठिकानों पर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के 21 महीने बाद सेना की उस बहादुरी का विडियो सामने आने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर राजनीतिक फायदे के लिए सेना के इस्तेमाल का आरोप लगाया है।
सर्जिकल स्ट्राइक का विडियो सामने आने के अगले दिन गुरुवार को कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर सेना के शौर्य, बलिदान, पराक्रम और साहस का इस्तेमाल राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए करने का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने कहा कि पहले की सरकारों के दौरान भी सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक और इस तरह की कार्रवाइयों को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि अटल और मनमोहन सरकार के दौरान भी ऐसी कार्रवाइयां हुईं, लेकिन सेना के पराक्रम का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल की इस तरह की बेशर्म कोशिश कभी नहीं की गई। सुरजेवाला ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के विडियो को जारी करने की जरूरत नहीं थी क्योंकि देश सेना का सम्मान करता है। सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी के ही 2 नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों (यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी) ने सवाल उठाए थे।

यह बीजेपी का अंदरूनी मामला है। बता दें कि कांग्रेस नेता संजय निरुपम और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कुछ नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक के दावे पर सवाल उठाए थे।

ऐसे हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक, देखिए विडियो
कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया है कि क्या सर्जिकल स्ट्राइक के विडियो के सार्वजनिक कर सीमा पर तैनात जवानों और सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा खतरे में नहीं डाला गया है? सही उपकरण और बजट न देकर सरकार जवानों की जान जोखिम में नहीं डाल रही है?

‘बीजेपी ने सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय सेना के बजाय मोदी को दिया’
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी और शाह पर जब-जब फेल होने का खतरा मंडराता है तो वे सेना की बहादुरी का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल की बेशर्म कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव में बीजेपी ने सर्जिकल स्ट्राइक का लज्जाजनक तौर पर राजनीतिक इस्तेमाल किया गया। बैनर-पोस्टर लगाकर सर्जिकल स्ट्राइक का पूरा श्रेय सेना के बजाय बीजेपी और मोदी को दे दिया।

‘कांग्रेस ने सबसे पहले सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन किया’
सुरजेवाला ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के तुरंत बाद सोनिया गांधी और कांग्रेस ने इसका स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने आतंकियों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सेना की बहादुरी और सरकार को समर्थन दिया था। लेकिन सत्ताधारी दल को याद रखना होगा कि सैनिकों की बहादुरी का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते। सुरजेवाला ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का विडियो जारी किया गया, जिसकी जरूरत नहीं थी क्योंकि देश सेना का सम्मान करता है।

‘हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए तोड़ दी हर परंपरा और परिपाटी’
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार हेडलाइन मैनेजमेंट से पहले इस सिद्धांत को ख्याल में रखे कि सेना का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल न किया जाए। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी सरकार ने हर परंपरा और परिपाटी तोड़ दी है….अमित शाह ने तो हद ही कर दी…7 अक्टूबर 2016 को यहां तक कह डाला कि 68 सालों में सेना पहली बार एलओसी पार गई है और उन्होंने यह भी कहा कि वह इसका राजनीतिक फायदा उठाएंगे।’ सुरजेवाला ने कहा कि शहीद हेमराज की पत्नी समेत कई शहीदों की पत्नियों ने अपील किया था कि शहीदों की शहादत का राजनीतिक फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल न किया जाए, लेकिन उनकी अपील को दरकिनार किया गया।

सुरजेवाला ने कहा, ‘हमारी बहादुर सेना ने पिछले दो दशकों में अनेक बार सफलतापूर्वक सर्जिकल स्ट्राइक की है, खास तौर से साल 2000 के बाद- 21 जनवरी, 2000 (नडाला एनक्लेव, नीलम नदी के पार); 18 सितंबर, 2003 (बारोह सेक्टर, पुंछ); 19 जून, 2008 (भट्टल सेक्टर, पुंछ); 30 अगस्त-1 सितंबर, 2011 (शारदा सेक्टर, केल में नीलम नदी घाटी); 6 जनवरी, 2013 (सावन पत्र चेकपोस्ट); 27-28 जुलाई, 2013 (नाजापीर सेक्टर); 6 अगस्त, 2013 (नीलम घाटी) को सेना ने कार्रवाई की थी।’

कांग्रेस का आरोप

यूपी चुनाव में बीजेपी ने बैनर-पोस्टर लगाकर सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय सेना के बजाय मोदी को दिया
पहले भी सेना ने की ऐसी कार्रवाइयां लेकिन राजनीतिक इस्तेमाल की ऐसी बेशर्म कोशिश नहीं हुई

सरकार पर सेना के शौर्य, बलिदान, पराक्रम, साहस का इस्तेमाल राजनीतिक रोटियां सेंकने का लगाया आरोप

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