हाई-राइज इमारतों और सोसाइटीज में रहने वालों की क्यो बढ़ रही चिताएं

People living in high-rise buildings Dangerous: नोएडा की हाई-राइज इमारतों पर बढ़ते आंधी-तूफान का खतरा दिल्ली-एनसीआर, विशेषकर नोएडा में हाल के दिनों में आंधी-तूफान और धूल भरी आंधियों की बढ़ती आवृत्ति ने हाई-राइज इमारतों और सोसाइटीज में रहने वालों के लिए गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं। इन तूफानों की बढ़ती तीव्रता, जिसके साथ तेज हवाएँ और कभी-कभी बारिश भी होती है, ने बुनियादी ढांचे की भेद्यता को उजागर किया है। इतना ही नही निवासियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल की घटनाओं से सामने आए खतरेरू हाल ही में नोएडा में आए एक भीषण तूफान ने कई सोसाइटीज में व्यापक नुकसान पहुँचाया, जिसमें सेक्टर 151 में बनी जेपी अमन है। उसके अलावा कई अन्य सोसाइटीज में भी नुकसान सामने आया है। ग्रेटर नोएडा में नानी के साथ नातीन की मौत ने बिल्डरों की गुणवत्ता पर सवाल उठा दिये है।
कुछ प्रमुख अवलोकन और खतरे
खिड़कियों और दरवाजों का टूटनाः कई हाई-राइज इमारतों में तेज हवाओं के कारण अपार्टमेंट्स की खिड़कियां और दरवाजे टूट गए या अपनी जगह से उखड़ गए। जेपी अमन सोसाइटी जैसे कुछ मामलों में, वायरल वीडियो में फ्लैटों के अंदर हुई तबाही साफ दिखाई दे रही थी, जहां खिड़कियां और दरवाजे पूरी तरह से बिखर गए थे। यह सीधे तौर पर निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की गुणवत्ता और फिटिंग की मजबूती पर सवाल उठाता है।
बाहरी संरचनाओं को नुकसानः बालकनी के दरवाजे, बाहरी एसी यूनिट और यहां तक कि सोसाइटी के मुख्य द्वार भी तेज हवाओं की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए या टूट गए। एपेक्स गोल्फ एवेन्यू सोसाइटी का मुख्य द्वार गिरने की घटना ने भी सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है।
मलबे का गिरनाः ऊंची इमारतों से मलबे के गिरने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे नीचे खड़े वाहनों या पैदल चलने वालों को नुकसान हो सकता है। यह न केवल संपत्ति के नुकसान का कारण बन सकता है बल्कि गंभीर चोटों का भी जोखिम पैदा करता है। ’ पेड़ों और बिजली के खंभों का गिरनारू शहरी क्षेत्रों में भी तेज हवाओं से पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, जिससे बिजली गुल हो गई और सड़कों पर आवागमन बाधित हुआ। यह हाई-राइज सोसाइटीज के आसपास की बुनियादी सुविधाओं को भी प्रभावित करता है।


निर्माण गुणवत्ता पर सवालः कई निवासियों ने इन घटनाओं के बाद अपनी इमारतों की निर्माण गुणवत्ता पर रोष व्यक्त किया है। उनका आरोप है कि बिल्डर ने गुणवत्ता से समझौता किया है, जिससे इमारतें ऐसे मध्यम तूफानों का सामना करने में असमर्थ हैं। यह उन लाखों रुपये के निवेश पर सवालिया निशान लगाता है जो लोग इन फ्लैटों में करते हैं।
संभावित खतरे और चुनौतियाँः संरचनात्मक अखंडता बार-बार आने वाले तेज आंधी-तूफान और हवाओं के कारण इमारतों की संरचनात्मक अखंडता पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। यदि निर्माण मानक पर्याप्त नहीं हैं, तो समय के साथ इमारतों में दरारें आ सकती हैं या उनकी स्थिरता कमजोर हो सकती है।
कांच के पैनल और फसाडः आधुनिक हाई-राइज इमारतों में बड़ी संख्या में कांच के पैनल और फसाड का उपयोग होता है। ये तेज हवाओं और धूल भरी आंधियों के लिए विशेष रूप से कमजोर होते हैं, जिससे उनके टूटने का खतरा रहता है। इसका मलबे के रूप में गिरना बहुत खतरनाक हो सकता है।
मेंटेनेंस और मरम्मत की लागत जरूरतः लगातार होने वाले नुकसान के कारण सोसाइटीज के लिए मेंटेनेंस और मरम्मत की लागत बढ़ जाएगी, जिसका सीधा बोझ निवासियों पर पड़ सकता है। निवासियों की सुरक्षा और मानसिक तनावरू तूफान के दौरान संपत्ति के नुकसान का डर और शारीरिक चोटों का जोखिम निवासियों के लिए मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। खासकर उन परिवारों के लिए जिनके फ्लैटों को सीधा नुकसान हुआ है। बिजली आपूर्ति में व्यवधानरू तूफान के कारण बिजली के खंभों, तारों और ट्रांसफार्मर को होने वाले नुकसान से घंटों तक बिजली गुल हो सकती है, जिससे निवासियों को असुविधा होती है, खासकर गर्म मौसम में। ’ आपातकालीन सेवाओं तक पहुंचरू गिरे हुए पेड़ और मलबे सड़कों को अवरुद्ध कर सकते हैं, जिससे आपातकालीन सेवाओं, जैसे एम्बुलेंस या अग्निशमन सेवाओं तक पहुंच बाधित हो सकती है। बिल्डिंग कोड और नियमों का अनुपालनरू यह घटना बिल्डिंग कोड और सुरक्षा नियमों के सख्त अनुपालन की आवश्यकता को रेखांकित करती है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इमारतें ऐसी मौसम संबंधी घटनाओं का सामना करने के लिए पर्याप्त मजबूत हों। आगे की राहरू इन खतरों को देखते हुए, नोएडा में हाई-राइज इमारतों और सोसाइटीज के लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता हैरू ’ निर्माण गुणवत्ता की जांचरू स्थानीय अधिकारियों और बिल्डरों को इमारतों की निर्माण गुणवत्ता की गहन जांच करनी चाहिए, खासकर उन इमारतों की जिन्हें हाल ही में नुकसान हुआ है। मजबूत बिल्डिंग कोड और प्रवर्तनरू मौजूदा बिल्डिंग कोड को मजबूत किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उनका सख्ती से पालन हो, विशेष रूप से उच्च हवा के वेग वाले क्षेत्रों के लिए। ’ नियमित रखरखाव और ऑडिटरू सोसाइटीज और बिल्डरों को इमारतों का नियमित रखरखाव और संरचनात्मक ऑडिट करवाना चाहिए ताकि किसी भी कमजोरी की पहचान की जा सके और उसे समय पर ठीक किया जा सके।

 

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