Vice President Dhankar: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर की गई टिप्पणी से देशभर में हंगामा हो चुका है। विपक्षी पार्टियों ने उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही करने की मांग की है। इस बीच, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने टिप्पणी की है कि संसद सुप्रीम है।
डीयू में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड बोलें
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आज यानी मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। धनखड़ ने कहा, “संसद सुप्रीम है और निर्वाचित प्रतिनिधि (सांसद) ही संविधान के आखिरी मामले हैं। उनसे ऊपर कोई पावर यानी प्राधिकरण नहीं हो सकती।”
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आगे कहा, “एक प्रधानमंत्री, जिन्होंने आपातकाल लगाया, उन्हें 1977 में जवाबदेह ठहराया गया। इसलिए, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए। संविधान लोगों के लिए है और यह इसे सुरक्षित रखने का भंडार है। चुने हुए प्रतिनिधि ३वे अंतिम मालिक हैं कि संविधान में क्या होगा। संविधान में संसद से ऊपर किसी भी प्राधिकरण की कल्पना नहीं की गई है। संसद सर्वोच्च है, मैं आपको बता दूं, यह देश के प्रत्येक व्यक्ति के बराबर ही सर्वोच्च है।”
उपराष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के दो विरोधाभासी बयानों का भी हवाला दिया। धनखड़ ने कहा, “एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है (गोलकनाथ मामला) और दूसरे मामले में उसने कहा कि यह संविधान का हिस्सा है (केशवानंद भारती मामला)। ”उन्होंने कहा, “हमारा चुप रहना बहुत खतरनाक हो सकता है। विचारवान लोगों को हमारी विरासत को संरक्षित करने में योगदान देना होगा। हम किसी को संस्थानों को कमजोर करने या लोगों को बदनाम करने की अनुमति नहीं दे सकते। संवैधानिक प्राधिकारी का हर शब्द संविधान द्वारा निर्देशित होता है।”
अपनी भारतीयता पर हमें गर्व
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “हमें अपनी भारतीयता पर गर्व करना चाहिए। हमारा लोकतंत्र रुकावटों को कैसे बर्दाश्त कर सकता है? सार्वजनिक संपत्ति को जलाया जाना, सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करना। हमें इन ताकतों को कमजोर करना होगा। पहले सलाह देकर और अगर जरूरी हो तो कड़वी गोली भी देनी होगी।”
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