UPSC Result 2023: गरीबी नहीं हिला पाई मजबूत इरादे, यूपीएससी में पिंकी ने मार ली बाजी
1 min read

UPSC Result 2023: गरीबी नहीं हिला पाई मजबूत इरादे, यूपीएससी में पिंकी ने मार ली बाजी

UPSC Result 2023: वैसे तो संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी में जब सेलेक्शन होता है तो हर छात्र की अलग कहानी सामने आती है। लेकिन ऐसे कुछ ही छात्र होते हैं जो विपरीत परिस्थितियों इसके बावजूद भी अपने इरादे कमजोर नहीं होने देते। चाहे घर की दिक्कत हो या फिर आर्थिक तंगी। कही ना कही से इंतजाम करते हैं और पूरी मेहनत से अपने आप को आगे बढ़ा ले जाते हैं। उनमें से ही एक नाम है पिंकी मसी का। पिंकी मसी का। अपने परिवार के साथ सेक्टर 45 नोएडा काशीराम कॉलोनी में रहती है। उनके पिता का नाम संजय कुमार और माता का नाम आ”ाा मसी है। छोटा भाई है जो फिलहाल पढाई कर रहा है।

यह भी पढ़े : Election 2024 Voting LIVE: यूपी की आठ लोकसभा सीटों पर वोट‍िंग जारी, 11 बजे तक 12.66% मतदान

पिंकी मसी ने जय हिन्द जनाब को बताया कि 2019 में उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। वैसे तो वो मेडिकल फील्ड से आती है। मेडिकल में फिजियोथेरेपिस्ट का काम करती है और पढ़ाई भी इससे संबन्धित की। लेकिन जब उन्होंने यूपीएससी का सिलेबस देखा तो उसमें इससे संबंधित कोई विषय नहीं था, इसलिए उन्होंने एंथ्रोपोलॉजी सब्जेक्ट चुनकर अपनी तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि चार बार अटेम्प्ट दिया मगर एक बार भी प्री क्वालीफाई नहीं कर पाई, लेकिन 2023 में उन्होंने प्री क्वालीफाई किया मैन्स में नाम आया और फिर इंटरव्यू भी उन्होंने पास कर लिया।

पिंकी मसी की यूपीएससी में 948 वीं रैंक है। उनका कहना है कि रैंक सुधारने के लिए परीक्षा फिर से देंगी। यदि उनको उनकी पसंद का नौकरी मिल जाती है तो वो फिर हो सकता है दोबारा अटेम्प्ट ना दे। उन्होंने बताया कि 1 साल प्राइवेट कोचिंग से पढ़ाई करने के बाद सेक्टर 37 में बनी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर लाइब्रेरी में उन्होंने पढ़ाई शुरू कर दी। कोचिंग के लिए भी पिंकी को एक एनजीओ ने पैसा मुहैया कराया था। जिसके चलते उन्होंने अपनी तैयारियों को और मजबूती देना शुरू कर दिया। पिंकी ने बताया कि उनकी माँ स्कूल में काम करती है और उन्हीं की बदौलत वे पढ़ाई कर पाई। माँ उसी स्कूल में काम करती थी जहाँ वो पड़ती थीं। उनके पिता अपना ही काम करके घर चलाते हैं। मगर उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। कभी भी उन्होंने अपनी पढ़ाई के आगे आर्थिक स्थिति को आने नहीं दिया।

 

यह भी पढ़े : World liver day: लिवर सिरोसिस में शराब की एक बूंद भी नुकसानदेह: डी.के. गुप्ता

यहां से शेयर करें