UPI: पहली छमाही में यूपीआई लेनदेन में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी
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UPI: पहली छमाही में यूपीआई लेनदेन में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी

UPI:  मुंबई : ऑनलाइन भुगतान में तेजी की बदौलत देश में इस वर्ष की पहली छमाही में यूपीआई से किया गया लेनदेन पिछले वर्ष की समान अवधि के 83.16 लाख करोड़ रुपये से 40 प्रतिशत बढ़कर 116.63 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कारोबार विकास सलाह देने वाली कंपनी वर्ल्डलाइन की गुरुवार काे जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीआई लेनदेन की संख्या जनवरी 2023 में 8.03 अरब से बढ़कर जून 2024 तक 13.9 अरब हो गई। इस अवधि में यूपीआई से किया गया लेनदेन 12.98 लाख करोड़ से बढ़कर 20.07 लाख करोड़ रुपये हो गई।

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इसी तरह वर्ष 2024 की पहली छमाही की तुलना वर्ष 2023 की इसी अवधि से करने पर यूपीआई लेनदेन की संख्या में 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 51.9 अरब से बढ़कर 78.97 बिलियन हो गई। इस अवधि में यूपीआई से 83.16 लाख करोड़ रुपये मूल्य का किया गया लेनदेन 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 116.63 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

वर्ल्डलाइन इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश नरसिम्हन ने कहा, “इस रिपोर्ट के आंकड़े कई प्रमुख रुझानों पर प्रकाश डालते हैं, जो उस पैमाने और गति को प्रदर्शित करता है जिस पर डिजिटल भुगतान देश भर में रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन रहे हैं। उदाहरण के लिए इसमें यूपीआई प्रमुख प्लेयर बना हुआ है। अकेले वर्ष 2024 की पहली छमाही में 78 अरब से अधिक लेन-देन हुए, जो वर्ष 2023 की पहली छमाही की तुलना में 52 प्रतिशत अधिक है। यूपीआई लेन-देन में यह महत्वपूर्ण वृद्धि विशेष रूप से व्यक्ति-से-व्यापारी (पी2एम) श्रेणी में माइक्रो-लेनदेन के लिए पसंदीदा विधि के रूप में इसकी स्थिति को और मजबूत करती है, जो आने वाले वर्षों में दीर्घकालिक स्थिरता और यहां तक ​​कि बड़े लेनदेन की ओर बढ़ने को प्रदर्शित करती है।”

रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2023 और जून 2024 के बीच प्वॉइंट ऑन सेल (पीओएस) टर्मिनलों की संख्या 76.5 करोड़ से 17 प्रतिशत बढ़कर 89.6 करोड़ हो गई। इस बीच भारत क्यूआर (बीक्यूआर) की संख्या 50.6 करोड़ से 22 प्रतिशत बढ़कर 61.6 करोड़ हो गई।यूपीआई क्यूआर में 39 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई और यह 24.42 करोड़ से बढ़कर 34 करोड़ हो गई।

इस वर्ष जून तक संचालित पीओएस टर्मिनल में 95 प्रतिशत हिस्सेदारी एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आरबीएल बैंक, एचडीएफसी बैंक, स्टेट बैंक, इंडसइंड बैंक, केनरा बैंक, यस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और बंधन बैंक की है।

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संख्या और मूल्य के मामले में तीन यूपीआई ऐप फोनपे, गूगल पे और पेटीएम सबसे आगे रहे। जून 2024 तक 94.83 प्रतिशत लेनदेन इन तीन ऐप के माध्यम से किए गए, जो एक साल पहले 95.68 प्रतिशत से कम था। इसी तरह मूल्य के लिहाज से जून 2024 में 92.21 प्रतिशत लेनदेन इन्हीं तीनों ऐप के जरिये किए गए जबकि पिछले साल इसी महीने में यह आंकड़ा 93.65 प्रतिशत रहा था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2024 में कार्डों की कुल संख्या 1.451 अरब तक पहुंच गई, जो सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है। इसमें 10.4 करोड़ क्रेडिट कार्ड, 97.97 करोड़ डेबिट कार्ड और 36.8 करोड़ प्रीपेड कार्ड शामिल हैं। इस अवधि में क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले शीर्ष पांच बैंक एचडीएफसी, एसबीआई, आईसीआईसीआई, एक्सिस और कोटक रहे जबकि डेबिट कार्ड जारी करने वाले प्रमुख बैंक एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, एचडीएफसी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया हैं।

आलोच्य अवधि में निजी क्षेत्र के बैंकों ने 71 प्रतिशत जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 24 प्रतिशत क्रेडिट कार्ड जारी किए। इसके विपरीत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 65 जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों ने 25 प्रतिशत डेबिट कार्ड जारी किए। शेष कार्ड भुगतान बैंकों, छोटे वित्त बैंकों और विदेशी बैंकों द्वारा जारी किए गए थे। इस तरह निजी क्षेत्र के बैंक क्रेडिट कार्ड जारी करने में वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक डेबिट कार्ड जारी करने में अग्रणी रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, कार्ड जारी करने के विपरीत वर्ष 2024 की पहली छमाही में कार्ड से किए गए लेनदेन की कुल संख्या 3.735 अरब रही, जो वर्ष 2023 की पहली छमाही के मुकाबले तीन प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2024 की पहली छमाही में डेबिट कार्ड से होने वाले लेन-देन की कुल संख्या 0.92 अरब रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 1.379 अरब से 33 प्रतिशत कम है। इसके विपरीत प्रीपेड कार्ड से होने वाले लेन-देन की संख्या आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 0.77 अरब पर पहुंच गई। इस अवधिक में क्रेडिट कार्ड से होने वाले लेनदेन की संख्या 1.55 अरब से 32 प्रतिशत बढ़कर 2.04 अरब हो गई।

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