वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था वाला राज्य का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश को देश की ‘नंबर वन इकोनॉमी’ बनाने के लिए सरकार ने कसी कमर
lucknow news  अर्थव्यवस्था के लिहाज से यूपी अब देश के राज्यों में दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है। आठवें से दूसरे नंबर का यह जंप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आठ साल के कार्यकाल के दौरान आया। मुख्यमंत्री का संकल्प 2029 तक यूपी को देश की नंबर वन अर्थव्यवस्था (वन ट्रिलियन डॉलर) वाला राज्य बनाना है।
एक बदनाम और बदहाल राज्य की अर्थव्यवस्था के कायाकल्प में अन्य फैक्टर्स के साथ निवेश और इससे संबंधित पॉलिसीज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और आगे भी रहेगी। उल्लेखनीय है कि योगी 1.0 से लेकर योगी 2.0 के अब तक के कार्यकाल में इन्वेस्टर्स समिट और उसके बाद आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिए ऐसा हुआ भी है। 2018 से अब तक हुए इन्वेस्टर्स समिट्स में कुल 45 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले। इनमें से 15 लाख करोड़ रुपए के प्रस्तावों का क्रियान्वयन भी कराया जा चुका है। इससे 60 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला।
प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) दोगुने से अधिक होकर 27.51 लाख करोड़ रुपए का हो गया। 2016-2017 में यह मात्र 12.89 लाख करोड़ रुपए था। वित्तीय वर्ष 2025-2026 का लक्ष्य 30.77 लाख करोड़ रुपए का है। इसके लिए सरकार औद्योगिक एवं निवेश संवर्धन नीति लेकर आई है। इस नीति के तहत निवेशकों को कर में आकर्षक छूट और भूमि आवंटन में सहूलियत दी गई है। संभावनाओं के अनुसार 33 सेक्टोरियल पॉलिसीज लाई गई हैं। इस सबका नतीजा यह रहा कि कारोबारी सुगमता के लिहाज से 2017 में दूसरे पायदान पर रहने वाला उत्तर प्रदेश छलांग लगाकर 2022 में दूसरे नंबर पर आ गया। इस तरह 2022 में यूपी बिजनेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान (बीआरएपी) में भी टॉप अचीवर्स स्टेट रहा। गुड गवर्नेंस में 2021 में ही यूपी पहले नंबर पर पहुंच गया। विरासत में मिली अराजकता और भ्रष्टाचार के पर्याय रहे उत्तर प्रदेश में इन आयोजनों की सफलता, निवेशकों का यूपी में निवेश के प्रति आकर्षण खुद में मिसाल है। इस सबके पीछे अराजकता को खत्म करने के लिए बेहतर कानून व्यवस्था, निवेश के सभी संभावित सेक्टर्स के लिए निवेश फ्रेंडली सेक्टोरियल पॉलिसीज, एक्सप्रेसवे और एयर कनेक्टिविटी के जरिए वैश्विक स्तर की बुनियादी सुविधाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट तो साबित होगा मील का पत्थर
पॉलिसी और बुनियादी संरचना को और बेहतर बनाने का काम लगातार जारी है। इसमें जिन एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है और जो प्रस्तावित हैं, उनका काम पूरा होने पर प्रदेश की सड़क मार्ग से कनेक्टिविटी इतनी बेहतर हो जाएगी कि लैंड लॉक्ड होने से प्रदेश की प्रगति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसके अलावा शीघ्र ही संचालित होने वाला एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट तो मील का पत्थर ही साबित होगा।
सरकार एक और इन्वेस्टर्स समिट की कर रही तैयारी
2029 में उत्तर प्रदेश को देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनाने के प्रयासों के क्रम में योगी सरकार एक और इन्वेस्टर्स समिट की भी तैयारी कर रही है। इसके तहत देश के प्रमुख शहरों (मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद आदि) के अलावा विदेशों के करीब डेढ़ दर्जन शहरों (न्यूयॉर्क, पेरिस, लंदन, सिंगापुर आदि) में रोड शो कराने की योजना है। इस समिट के जरिए सरकार का लक्ष्य 33 लाख करोड़ रुपए निवेश लाने का है। 2027 तक ऐसे आयोजनों के जरिए 100 लाख करोड़ रुपए के निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य योगी सरकार ने रखा है। निवेश को और गति देने के लिए मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में इन्वेस्ट यूपी के आॅफिस खुलेंगे। हर आॅफिस की संबंधित शहर के अनुसार भूमिका तय होगी।

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