सेनानियों का त्याग और साहस प्रेरणा स्रोत:कश्यप 

ghaziabad news भारतीय जनता पार्टी, महानगर ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर जानकी सभागार में भाजपा महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी एवं लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि राज्यमंत्री नरेन्द्र कश्यप और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने सामाजिक पहल एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत पौधारोपण कर आपातकाल की घटनाओं का स्मरण करते हुए प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। प्रदर्शनी में 1975-77 की गिरफ्तारी, संघर्ष व अहिंसात्मक आंदोलन में जेल जाने वालों के चित्र और दस्तावेज प्रदर्शित किए गए। साथ ही कार्यक्रम  में 30 लोकतंत्र सेनानियों को शॉल और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
विशिष्ट अतिथि मंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप ने कहा कि त्याग और साहस से लोकतंत्र सेनानियों ने जो संघर्ष किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।
उन्होंने जोर दिया कि इस धरोहर को हमें कभी विस्मृत नहीं होने देना चाहिए।
सांसद अतुल गर्ग ने कहा कि एक मानसिक आपदा के रूप में आपातकाल को कांग्रेस ने जनता पर थोप दिया। यह आयोजन उन योद्धाओं के नाम समर्पित है जिन्होंने उस समय सत्य की मशाल जलाई रखी।
गाजियाबाद भाजपा लोकतंत्र सेनानियों के त्याग को आज भी नहीं भूला है। 1975 की तानाशाही की याद आज भी कांग्रेस के व्यवहार में झलकती है।
मुख्य अतिथि अरुण सिंह ने कहा कि आपातकाल भारत के लोकतंत्र पर कांग्रेस का सबसे काला हमला था। इंदिरा गांधी ने सत्ता बचाने के लिए संविधान को ताक पर रख दिया, प्रेस की स्वतंत्रता कुचली और लाखों राष्ट्रभक्तों को अंधेरे में डुबो दिया। लेकिन सत्य को दबाया नहीं जा सकता।
अति विशिष्ट अतिथिविजय बहादुर पाठक ने कहा कि यह केवल राजनीतिक निर्णय नहीं था, बल्कि संविधान, न्यायपालिका, मीडिया और नागरिक अधिकारों पर सीधा हमला था। भाजपा उन सेनानियों को श्रद्धांजलि देती है, जिन्होंने अत्याचार के आगे झुकने से इंकार किया।

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