Technology News:अब ये खवाबो की दुनिया होने वाली है, जानें कैसे
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Technology News:अब ये खवाबो की दुनिया होने वाली है, जानें कैसे

 

Technology News: ये अब खवाबो की दुनिया होने वाली है जो सौचेंगे वे हकीकत होने वाली है। दरअसल तकनीक के मामले में दुनिया आगे निकल रही है। सोचिए कि आप घर में अकेले हैं और खाने में क्या बनाएं ये आपको समझ नहीं आ रहा है। ऐसे में आप अपने फ्रिज में रखे सामान की एक फोटो क्लिक करते हैं और चैटबोट से कहते हैं कि इसे देखकर कुछ अच्छी सी डिश बनाने का आइडिया दो। चैटबोट फौरन आपको 2 रेसिपी भेज देता है। इसी तरह बीमार पड़ने पर ये आपको इलाज की सलाह देता है और जोक्स सुनाकर हंसा भी देता है।

ये बातें अब खवाब नही बल्कि GPT-4  इन्हें करना शुरू कर चुका है। 14 मार्च को ओपन ।प् कंपनी ने अपने ChatGpt प्रोडक्ट के नए अपडेटेड वर्जन GPT-4  की शुरुआत की है। ये पहले से ज्यादा क्रिएटिव, भरोसेमंद और सटीक जानकारी देने वाला है।

सवालों के सटीक जवाब देगा
Technology News: GPT-4  हर तरह के सवालों का पहले से ज्यादा सटीक जवाब देगा। अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर रिसर्च कर रहे ओरेन एटजियोनी नाम के शख्स ने ChatGpt के पिछले वर्जन और GPT-4  से एक जैसे सवाल किए। इसके जरिए उन्होंने जांचा कि कौन कितनी सटीक जानकारी देता है। अब GPT-3.5 और GPT-4  से उन्होंने जो सवाल पूछे हैं उसके जवाब को जानिए , रिसर्चर का कहना है कि GPT-3.5 ने इस सवाल का गलत और GPT-4  ने सही जवाब दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि ओरेन एटजियोनी और एली एटजियोनी के बीच पिता पुत्र का रिश्ता है। इससे पता चलता है कि GPT का नया वर्जन पहले से ज्यादा सटीक है। हालांकि, अगस्त में अपनी ट्रेनिंग पूरी करने वाला GPT-4  ये नहीं बता पाया कि ओरेन एटजियोनी ने ऐलन इंस्टीट्यूट फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सीईओ का पद छोड़ दिया है।

फोटो देखकर बताएगा कि खाने में क्या बनाना चाहिए
ChatGpt ज याGPT-3.5 सिर्फ टेक्स्ट की भाषा को समझ सकता था, लेकिन अब GPT-4  टेक्स्ट के साथ इमेज को भी समझ सकता है। इसे बनाने वाली कंपनी ओपन । को-फाउंडर ग्रेग ब्रोकमैन ने कहा कि मैंने अपने फ्रिज में रखे सामानों के फोटो के जरिए एक सवाल पूछा। इसके जवाब में GPT-4  ने बताया कि उन्हें खाने में कौन सी चीज बनानी चाहिए।

बीमारियों का इलाज बता देगा GPT-4 

Technology News: यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ केरोलिना के प्रोफेसर अनिल गेही ने बताया कि उनके पास इलाज कराने के लिए एक मरीज आए। उन्होंने उस मरीज की समस्या बताकर GPT-4  से पूछा कि इस बीमारी का इलाज किस तरह से किया जाना चाहिए? इसके बाद GPT-4  ने उसी तरह से इलाज करने और दवा देने का सुझाव दिया, जो वह सोच रहे थे। प्रोफेसर अनिल का कहना है कि GPT-4  का जवाब सुनकर ऐसा लगा कि वह मेडिकल साइंस का एक्सपर्ट बन गया है।

इतना ही नहीं GPT-4  किसी दवा के कंपाउंड तक की जानकारी बता सकता है। इस दवा को खाने के बाद शरीर पर पड़ने वाले असर के बारे में भी वह डिटेल में जानकारी दे सकता है। उनका कहना है कि इस तकनीक के जरिए हो सकता है कि आगे चलकर वैज्ञानिक H3N2 वायरस से लेकर दूसरी गंभीर बीमारियों का इलाज भी खोज लें।

रिसर्च पेपर को शॉर्ट में समझा सकता है GPT-4 
आज के वक्त में लोगों के पास समय का अभाव है। ऐसे में किसी अखबार के लंबे आर्टिकल्स या रिसर्च पेपर को GPT-4  शॉर्ट में समझा सकता है। वैज्ञानिक ये देखकर हेरान रह गए कि लंबे लेख या रिसर्च पेपर को GPT-4  इंसान की तरह समझ सकता है। इतना ही नहीं, जब एक लेख का गलत समरी लिखकर वैज्ञानिकों ने GPT-4  से पूछा कि क्या ये समरी सही लिखी गई है?

इसके जवाब में GPT-4  ने कहा कि इस समरी में आर्टिकGPT-4  ल के सभी खास पॉइंट लिखे गए हैं, लेकिन इसमें एक फैक्ट गलत लिखा गया है। इस फैक्ट का आर्टिकल के ओरिजिनल टेक्स्ट में भी कहीं जिक्र नहीं किया गया है।

 

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जोक्स सुनाकर हंसने को मजबूर करता है GPT-4 
आपके आस-पास कोई बात करने वाला नहीं है। ऐसे समय में GPT-4 आपको सेंस ऑफ ह्यूमर वाले जोक सुनाकर हंसने को मजबूर कर सकता है। वैज्ञानिकों कहते है कि जोक सुनाने के मामले में भी GPT-3.5 की तुलना में GPT-4  का सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का है।6. GPT-4  परीक्षा में पूछे गए 81% सवालों के सही जवाब देता है
इसे बनाने वाली कंपनी का दावा है कि परीक्षा में पूछे जाने वाले 81% सवालों का GPT-4  सही जवाब दे सकता है। अमेरिका के 41 राज्यों में होने वाले यूनिफॉर्म बार एग्जाम में पूछे गए 1600 सवालों में से 1300 सवालों के GPT-4  ने सही जवाब दिए। इससे पहले ChatGpt इस परीक्षा में फेल हो गया था। मेडिकल नॉलेज सेल्फ असेसमेंट प्रोग्राम में भी GPT-4  को 75% अंक मिले। वहीं,GPT- 3.5 को इस परीक्षा में 53% अंक ही मिले थे।

कोर्ट में मुकदमा लड़ना होगा आसान
सवालों के सही जवाब देने के साथ ही GPT-4  अब कोर्ट की फाइलों के निष्तारण में लगा है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे मुकदमा लड़ने का जटिल प्रोसेस आसान हो सकता है। इसकी वजह ये है कि GPT-4  सिंगल क्लिक में Lawsuit  फाइल कर सकता है। हमारे देश में ही लाखों लोग कोर्ट का दरवाजा इसलिए नहीं खटखटाते क्योंकि मुकदमे की तैयारी एक जटिल प्रक्रिया है। ऐसे में इस बात की उम्मीद है कि GPT-4  के जरिए ये मुश्किल आसान हो सकती है

भविष्य की जानकारी दे सकता है GPT-4 ?
रिसर्च में ये भी पता चला है कि GPT-4  पहले घट चुकी घटनाओं से जुड़े सवालों का ज्यादा सटीक जवाब दे सकता है। भविष्य के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देने में GPT-4  सक्षम नहीं है। ये कुछ नया बताने के बजाय उस टॉपिक को लेकर पहले जो बातें हुई हैं, उसी से जुड़ा जवाब देता है।

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