सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की EVM-VVPAT के खिलाफ वाली याचिका, कहा इसमें सबका विश्वास

सुप्रीम कोर्ट की ओर से उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें ईवीएम और वीवीपैट पर सवाल किये है। दरअसल, दिल्ली कांग्रेस नें राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ईवीएम और वीवीपैट (EVM-VVPAT) मशीनों की फर्स्ट लेवल चेकिंग को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह प्रक्रिया बहुत विस्तृत है और राजनीतिक पार्टियों का इसमें विश्वास है। यही प्रक्रिया पूरे देश में अपनाई जाती है। इससे पहले दिल्ली कांग्रेस ने दिल्ली हाईकोर्ट में भी चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया के खिलाफ याचिका दाखिल की थी लेकिन वहां से याचिका खारिज होने के बाद ही दिल्ली कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है लेकिन अब वहां से भी उन्हें झटका लगा है। दिल्ली कांग्रेस की शिकायत है कि ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग प्रक्रिया के लिए राजनीतिक पार्टियों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट चुनाव आयोग को फिर से यह प्रक्रिया कराने का आदेश दे। दिल्ली कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए बीते महीने पूरी हुई चुनाव आयोग की इस चेकिंग प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता नहीं बरती गई है और यह चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक नहीं हुई।

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क्या होती है ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग
मालूम हो कि आम चुनावों एक बड़ी प्रक्रिया होती है, ऐसे में चुनाव आयोग आम चुनाव से पहले अपनी तैयारियों को जांचने के लिए मॉक पोल्स का आयोजन करता है, जो ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग प्रक्रिया का हिस्सा होता है। यह प्रक्रिया पूरे देश चरणबद्ध तरीके से आयोजित की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के इंजीनियर्स ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में मैकेनिकल दिक्कतों को जांचती हैं। जिन मशीनों में दिक्कत होती है, उन्हें सुधार के लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भेज दिया जाता है।

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