सेवा, समर्पण और संवेदना से ही बनता है सच्चा डॉक्टर: डॉ. डीके गुप्ता

noida news   डॉक्टर केवल इलाज नहीं करते, वे जीवन की डोर थामे उम्मीदें, भरोसा और साहस देते हैं। सेवा, समर्पण और संवेदना के इसी भाव को जीने वाले डॉक्टरों को धरती का भगवान यूं ही नहीं कहा गया। नेशनल डॉक्टर दिवस के अवसर पर फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ डीके गुप्ता ने कहा कि डॉक्टर न केवल मरीजों का इलाज करते हैं, बल्कि संकट की घड़ी में समाज की रीढ़ बनकर खड़े रहते हैं। इसलिए डॉक्टरों का मनोबल बढ़ाना, उनकी भावनाओं को समझना और उनके योगदान को सलाम करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
डॉ. डीके गुप्ता ने मौजूद सैकड़ों डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और हेल्थ वर्कर्स को संबोधित करते हुए कहा कि हर डॉक्टर एक मिशन पर होता है। उसकी डिग्री के पीछे सालों की मेहनत, अनगिनत रातों की नींद और कई बार अपने परिवार से दूर रहकर की गई सेवा होती है। उन्होंने कहा, आप सभी केवल एक पेशे में नहीं हैं, बल्कि एक पुण्य कार्य से जुड़े हैं। यह पेशा केवल केरियर नहीं है, यह सेवा है, समर्पण है, और मानवता का उच्चतम रूप है। हमें गर्व है कि फेलिक्स हॉस्पिटल में ऐसी समर्पित टीम काम कर रही है, जो हर मरीज को परिवार समझकर सेवा करती है।
डॉ गुप्ता ने याद दिलाया कि कोविड-19 महामारी के दौर में डॉक्टरों ने पीपीई किट पहनकर घंटों काम किया। कई महीनों तक छुट्टियां नहीं लीं। अपनों से दूर रहे, लेकिन मरीजों को नहीं छोड़ा। वह दौर किसी युद्ध से कम नहीं था। हमने अपने कई डॉक्टरों की आंखों में आंसू भी देखे और थकावट भी, लेकिन कभी हिम्मत नहीं टूटी। यह समर्पण समाज को बचाने वाला था। उन्होंने कहा भारत में डॉक्टर बनना आसान नहीं है।
डॉक्टर देश की सेवा में जुटे सच्चे योद्धा
उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों से कहा कि आप सभी देश की सेवा में जुटे सच्चे योद्धा हैं। आपकी मेहनत और सेवा ही फेलिक्स हॉस्पिटल की पहचान है। मरीजों को केवल इलाज नहीं, एक मुस्कान, एक उम्मीद, एक विश्वास देडॉक्टर दिवस केवल धन्यवाद कहने का दिन नहीं है, यह स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियों को समझने और डॉक्टरों की सामाजिक स्थिति सुधारने की प्रेरणा का दिन है। आज हम सभी को मिलकर यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपने डॉक्टरों का सम्मान करेंगे, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और उनके काम को सहज बनाएंगे।

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